राजनाथ सिंह बोले, आर्थिक पैकेज और सुधारों से अर्थव्यवस्था के बदलेंगे हालत
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा क्षेत्र की कंपनियां कोविद-19 संकट की चुनौती से निपटने के लिए DRDO के पीपीई किट और मास्क आदि के निर्माण की गति को तेजी दे रहे हैैंं।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि कोरोना लॉकडाउन में रक्षा क्षेत्र के उत्पादन ही नहीं इससे जुड़ी कंपनियों पर सबसे गंभीर असर हुआ है। सप्लाई चेन के बाधित होने से रक्षा उत्पादन क्षेत्र की इकाइयां इसीलिए भी प्रभावित हुई हैं कि रक्षा उत्पादों की खरीददार केवल सरकार है।
हमारे विश्वास पर असर नहीं डाल सकता कोरोना
रक्षामंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से घोषित आर्थिक पैकेज व सुधारों से अर्थव्यवस्था के हालत बदलेंगे। कोरोना जैसे संकट हमारे संसाधनों पर असर डाल सकते हैं मगर हमारे विश्वास को डिगा नहीं सकते। रक्षा क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के संगठन सोसायटी फॉर डिफेंस मैन्यूपैक्चरस और दूसरे एमएसएमई के ई-कानक्लेव को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने यह बात कही।
Had a wonderful interaction with SIDM members during the inaugural session of their MSME e-Conclave. The 'Aatma Nirbhar Bharat' campaign, inspired by PM Shri @narendramodi will provide many opportunities to Indian defence industry and also help in creating millions of new jobs. pic.twitter.com/gvIZrNjefe — Rajnath Singh (@rajnathsingh) May 21, 2020
सीआईआई और रक्षा उत्पादन विभाग की ओर से आयोजित इस कानक्लेव में रक्षामंत्री ने इसको लेकर प्रसन्नता जाहिर की कि रक्षा क्षेत्र की कंपनियां कोविद-19 संकट की चुनौती से निपटने के लिए डीआरडीओ के पीपीई किट, वेंटीलेटर और मास्क आदि के निर्माण की गति को तेजी दे रहे हैं। इनकी तेज रफ्तार के चलते दो महीने से कम समय में ही हम इन जरूरी वस्तुओं की न केवल घरेलू मांग को पूरी कर रहे हैं बल्कि अब हम आने वाले दिनों में पड़ोसी देशों को मदद देने की सोच सकते हैं।
एमएसएमई को मजबूत रखना सरकार की बड़ी प्राथमिकता
रक्षामंत्री ने कहा कि एमएसएमई देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है और इनके तेज गति से विकास से निर्यात ही नहीं बढ़ता बल्कि यह हमारी विदेशी मुद्रा का बड़ा जरिया भी है। साथ ही रोजगार का बड़ा स्रोत भी यही सेक्टर है। इसलिए एमएसएमई को मजबूत बनाए रखना सरकार की एक बड़ी प्राथमिकता है। रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनियों की करीब आठ हजार एमएसएमई कंपनियों की साझेदारी है और करीब 20 फीसद रक्षा उत्पादन में इन कंपनियों का योगदान है।
लॉकडाउन से पैदा हुई चुनौतियों को लेकर चर्चा
राजनाथ ने कहा कि डिफेंस मैन्यूफैक्चरर्स संगठन के साथ रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लॉकडाउन से पैदा हुई चुनौतियों को लेकर चर्चा हुई है। रक्षा क्षेत्र की दिक्कतों को समझने के साथ इनके समाधान के सुझाव भी मिले हैं और रक्षा मंत्रालय ने इस दिशा में कई कदम उठाए भी हैं। राजनाथ ने कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक की ओर से उठाए गए कई कदमों से रक्षा क्षेत्र की कंपनियों को संकट से निपटने में मदद मिलेगी।
क्रेडिट गारंटी से 45 लाख एमएसएमई इकाइयों को मिलेगा लाभ
उनका कहना था कि आत्मनिर्भर भारत की प्रधानमंत्री की पहल देश के उद्योग जगत को लाखों की संख्या में रोजगार वापस देने का मौका देंगी। स्वदेशी अपनाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि एमएसएमई सेक्टर के लिए पैकेज में घोषित तीन लाख करोड़ रुपये के क्रेडिट गारंटी से 45 लाख एमएसएमई इकाइयों को लाभ मिलेगा। रक्षामंत्री ने कहा कि 200 करोड़ रुपये से कम के काम का वैश्विक टेंडर नहीं निकालने का फैसला भी इस सेक्टर के लिए बेहद फायदेमंद होगा।