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सेना कमांडरों के सम्मेलन में बोले राजनाथ- हमारा पड़ोसी एक 'आदतन अपराधी'!

राजनाथ सिंह ने कहा रक्षा मंत्रालय सेना की सुविधा और सभी क्षेत्रों में लाभ प्राप्त करने में उनकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम अपने सशस्त्र बलों की भुजाओं को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

By Nitin AroraEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 02:32 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 04:46 PM (IST)
सेना कमांडरों के सम्मेलन में बोले राजनाथ- हमारा पड़ोसी एक 'आदतन अपराधी'!
राजनाथ बोले- वर्तमान सुरक्षा वातावरण में भारतीय सेना की पहल पर गर्व

नई दिल्ली, एजेंसी। सेना कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए बुधवार को यहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे वर्तमान सुरक्षा वातावरण में भारतीय सेना द्वारा की गई पहल पर बहुत गर्व है। उन्होंने सम्मेलन में हुई बातचीत के बारे में अपने ट्विटर के जरिए कुछ ट्वीट किए। राजनाथ सिंह ने कहा, 'भारतीय सेना आजादी के बाद से इस देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए कई चुनौतियों का सामना करने में सफल रही है। चाहे वह आतंकवाद, उग्रवाद या किसी बाहरी हमले का अलर्ट हो, सेना ने उन खतरों को बेअसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।'

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उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय सेना की सुविधा और सभी क्षेत्रों में लाभ प्राप्त करने में उनकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम अपने सशस्त्र बलों की भुजाओं को मजबूत करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।

पड़ोसी एक 'आदतन अपराधी'

समाचार एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सेना कमांडरों के सम्मेलन में राजनाथ सिंह ने पश्चिमी सीमा पर खतरों के संदर्भ में भारत के पड़ोसी को एक 'आदतन अपराधी' बताया है। पश्चिमी सीमा पर पड़ोसी देश से सुरक्षा मुद्दे पर बातचीत में राजनाथ सिंह ने कहा है कि हमारा पड़ोसी एक 'आदतन अपराधी' है।

चीनी इरादों से सावधान

राजनाथ सिंह ने बुधवार को सेना के कमांडरों को विवादित सीमाओं पर चीनी कार्रवाई से सावधान रहने और सैन्य वार्ता के दौरान उनकी मंशा के बारे में बताया। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ सीमा तनाव इस साल के चार दिवसीय सम्मेलन में विचार-विमर्श का मुख्य बिंदु है।

बता दें कि सेना के शीर्ष कमांडरों का चार दिवसीय सम्मेलन चल रहा है। इस चार दिवसीय सम्मेलन में लद्दाख और आंतरिक सुधारों पर चर्चा होनी की उम्मीद जताई गई थी। इसके साथ ही गैर सैन्य गतिविधियों में कटौती करने जैसे उपायों पर भी विचार हो सकता है। चार दिवसीय सम्मेलन में पूर्वी लद्दाख के साथ ही चीन से लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा के अन्य संवेदनशील इलाकों में भारत की युद्धक तैयारियों का आकलन हो सकता है। सरकारी सूत्रों ने बताया था कि सैन्य कमांडर, संसाधनों के तर्कसंगत वितरण के लिए काफी समय से लंबित सुधारों पर चर्चा करेंगे।

सेना के शीर्ष कमांडरों के सम्मेलन में थल सेना के वरिष्ठ अधिकारी, सेना के उप प्रमुख, सभी सेना कमांडर, सेना मुख्यालय के प्रधान कर्मचारी अधिकारी (पीएसओ) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहेंगे।


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