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Rajasthan Political News: भाजपा का दावा, दुनिया की कोई भी ताकत गहलोत सरकार को नहीं बचा सकती

Rajasthan Politics Sachin Pilot News राजस्थान भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि लोग इस सरकार से नाराज और निराश हैं और दुनिया की कोई ताकत इस सरकार को बचा नहीं सकती है

By TaniskEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 07:57 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 06:08 PM (IST)
Rajasthan Political News: भाजपा का दावा, दुनिया की कोई भी ताकत गहलोत सरकार को नहीं बचा सकती
Rajasthan Political News: भाजपा का दावा, दुनिया की कोई भी ताकत गहलोत सरकार को नहीं बचा सकती

नई दिल्ली/ जयपुर, एजेंसियां। राजस्थान में सियासी संकट के बीच कांग्रेस विधायक दल की बैठक शामिल नहीं होने पर सचिन पायलट को उप-मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटाकर पार्टी ने बड़ी कार्रवाई की है। कांग्रेस के इस फैसले के बाद भाजपा कि प्रतिक्रिया सामने आई है। राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, ' लोग इस सरकार से नाराज और निराश हैं और दुनिया की कोई ताकत इस सरकार को बचा नहीं सकती है। हमारी प्राथमिकता है कि यह सरकार गिर जाए। हम स्थिति की निगरानी रख रहे हैं और बाद हमारी रणनीति तय करेंगे।' वहीं, अब सीएम गहलोत के निवास स्थान पर  आज शाम 7:30 बजे राज्य मंत्रिमंडल की बैठक होगी और फिर इसके बाद रात आठ बजे मंत्रिपरिषद की बैठक की जाएगी।

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उप-मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद पायलट ने ट्वीट करके कहा कि सत्य को परेशान किया जा सकता है पराजित नहीं। उनकी जगह गोविंद सिंह डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक खत्म होने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्रा से मुलाकात की।

Rajasthan Political Crisis:

सीएम आवास पर आज शाम मंत्रिमंडल की होगी बैठक

राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास पर शाम 7:30 बजे राज्य मंत्रिमंडल की बैठक होगी और फिर इसके बाद रात आठ बजे मंत्रिपरिषद की बैठक की जाएगी।

जनता ने जिन्हें चुना उनकी जीत हुई

राजस्थान के कांग्रेस इंचार्ज अविनाश पांडे ने कहा कि सचिन पायलट बिल्कुल सही कह रहे हैं, जनता ने जिनको चुना है उनकी जीत हुई है। भगवान उनको (सचिन पायलट) सद्बद्धि दे।

अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर साधा निशाना

सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उनका नजरिया कुछ इस तरह था कि आ बैल मुझे मार और पिछले कई महीनों से वो इसी प्रकार के ट्वीट कर रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं सभी विधायकों से निष्पक्ष रहा हूं और कोई भी फैसले इस फैसले से खुश नहीं है। 

कुछ दोस्त भटक गए और दिल्ली चले गए : गहलोत

कलराज मिश्रा ने डिप्टी सीएम पद से सचिन पायलट और विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्री पद से हटाने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। पार्टी ने  पायलट के अलावा उनके समर्थक इन दो विधायकों पर भी कार्रवाई की है। इससे पहले जयपुर में कांग्रेस मुख्यालय से सचिन पायलट की नेम प्लेट हटा दी गई। बैठक में मौजूद 102 विधायकों ने सर्वसम्मति से सचिन पायलट को पार्टी से बाहर कर देने की मांग की थी। गहलोत ने इसके बाद कहा, 'हाईकमान को मजबूरी में फैसला लेना पड़ा। लंबे समय से भाजापा और हॉर्स ट्रेडिंग की कोशिश कर ही थी। हमें पता था कि यह एक बड़ी साजिश है। अब हमारे कुछ दोस्त इसकी वजह से भटक गए और दिल्ली चले गए।' 

भाजपा बनाए हुए है नजर

बता दें कि पूरे राजनीतिक घटनाक्रम पर भाजपा नजर बनाए हुए है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार राज्य में भाजपा के राज्य कार्यालय में एक बैठक हुई, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव वी. सतीश, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर मौजूद रहे। इससे पहले राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस दावा करती रही है कि उनके नेता एकजुट हैं, लेकिन यह स्पष्ट है कि आंतरिक विवाद हैं, जिसके कारण अपमान का सामना करने के बाद सचिन पायलट को पार्टी से अलग होना पड़ा। फिलहाल हम फ्लोर टेस्ट की मांग नहीं कर रहे हैं।

पायलट समर्थक विधायकों ने फ्लोर टेस्ट की मांग की

पायलट समेत उनके समर्थक विधायकों को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे इसमें शामिल नहीं हुए। पायलट खेमे ने साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री हटने तक कोई समझौता नहीं होगा। 

पायलट से कई बार राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने बात की

इससे पहले समाचार एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी थी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने सचिन पायलट से कई दौर की बातचीत की लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।

समझौते के लिए रखी थी शर्त

जानकारी के अनुसार पायलट समर्थकों ने साफ कर दिया था कि नेतृत्व परिवर्तन के बाद ही कोई समझौता होगा। पायलट और समर्थक विधायकों ने साफ कर दिया था कि वे भाजपा में नहीं जा रहे हैं, लेकिन वे गहलोत को नेता मानने को भी तैयार नहीं हैं। पायलट चाहते थे कि प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हटाने के साथ ही वित्त एवं गृह जैसे महत्वपूर्ण विभाग उनके समर्थक विधायकों को दिया जाए।

बता दें कि 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में, फिलहाल कांग्रेस के 107  और भाजपा 72 विधायक हैं। सत्तारूढ़ दल को 13 निर्दलीय विधायकों, सीपीएम और भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के दो-दो विधायकों, और  राष्ट्रीय लोक दल के एक विधायक का समर्थन प्राप्त है। 

 यह भी देखें: BTP पार्टी ने कांग्रेस की गहलोत सरकार से वापिस लिया समर्थन


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