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Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस में आंतरिक विवाद चरम पर पहुंचा

Rajasthan Political Crisis राजस्थान विधानसभा विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा में आंतरिक विवाद चरम पर पहुंच गया। भाजपा में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 08 Sep 2021 09:00 PM (IST)Updated: Wed, 08 Sep 2021 09:28 PM (IST)
Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस में आंतरिक विवाद चरम पर पहुंचा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया

जयपुर, जागरण संवाददाता। Rajasthan Political Crisis: राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र बृहस्पतिवार से शुरू हो रहा है। विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा में आंतरिक विवाद चरम पर पहुंच गया। भाजपा में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने महाराणा प्रताप और भगवान राम का अपमान किया है। मेघवाल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को पत्र लिखकर बृहस्पतिवार को होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक में कटारिया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की बात कही। उन्होंने कटारिया को विपक्ष के नेता पद से हटाने की भी मांग की है।

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भाजपा में विवाद इतना बढ़ा कि समझाने के लिए अरुण सिंह को आना पड़ा

विवाद इतना बढ़ा कि राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह बुधवार को जयपुर आए। उन्होंने पहले कटारिया, पूनिया, संगठन महामंत्री सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बात की। इसके बाद मेघवाल को पार्टी मुख्यालय बुलाया गया । उन्हे सार्वजनिक बयानबाजी नहीं करने के लिए समझाया गया। अरुण सिंह ने मेघवाल को निंदा प्रस्ताव लाने का फैसला टालने के लिए राजी किया।

कांग्रेस में गहलोत और पायलट खेमे फिर आमने-सामने

उधर, जिला परिषद चुनाव में हुई भीतरघात के बाद कांग्रेस में खींचतान तेज हो गई है। एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमा है तो दूसरी तरफ पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट समर्थक हैं। बहुमत के बावजूद जयपुर का जिला प्रमुख कांग्रेस का नहीं बनने का मामला पार्टी आलाकमान तक पहुंचा है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष गोविंद राम मेघवाल ने यहां एक प्रेसवार्ता कर आरोप लगाया कि विधायक वेदप्रकाश सोलंकी के कारण पार्टी की हार हुई है । सोलंकी की सिफारिश पर जिन 2 लोगों को जिला परिषद सदस्य का टिकट मिला था वह जिला प्रमुख के चुनाव में भाजपा के खेमे में चले गए । मेघवाल ने पार्टी आलाकमान से सोलंकी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है । सोलंकी पायलट के विश्वस्तों में शामिल हैं।

अरुण सिंह बोले, सही समय पर फैसला होगा

कटारिया के खिलाफ मेघवाल द्वारा लिखे गए पत्र पर अरुण सिंह ने कहा कि पार्टी सही समय पर फैसला करेगी। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों को पार्टी ठंडे बस्ते में नहीं डालने वाली है। इतना सबको ध्यान रखना चाहिए कि पार्टी सर्वोपरी है। पार्टी के हितों का नुकसान नहीं होना चाहिए। गलत बयानबाजी से पार्टी को नुकसान होता है। जयपुर पहुंचते ही अरुण सिंह ने वरिष्ठ नेताओं के साथ विवाद खत्म करने को लेकर चर्चा की और फिर उसके बाद प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में संगठनात्मक गतिविधियों को लेकर रणनीति तैयार की गई ।

कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप जारी

जिला परिषद चुनाव में क्रास वोटिंग का मामला आलाकमान तक पहुंच गया है। पायलट समर्थक विधायक वेदप्रकाश सोलंकी इस मुद्दे पर गहलोत खेमे के निशाने पर हैं। उन्हें पार्टी से निलंबित करने की मांग हो रही है। वहीं पायलट समर्थक विधायक रामनिवास गावड़िया और इंद्रराज गुर्जर ने मीडिया से कहा कि जैसलमेर में बहुमत होने के बावजूद गहलोत मंत्रिमंडल के सदस्य सालेह मोहम्मद परिवार की भीतरघात के कारण कांग्रेस का जिल प्रमुख नहीं बन सका था। इसी तरह प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के गृह जिले सीकर में पांच जिला परिषद सीटों पर पार्टी की हार हुई है। ऐसे में इन दोनों गलतियों की जिम्मेदारी कौन लेगा। दोनों विधायकों ने सोलंकी का बचाव किया


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