राज ठाकरे ने वीर सावरकर पर टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी पर साधा निशाना, भाजपा और कांग्रेस को दी यह सलाह
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने राहुल को बेवकूफ कहा है। ठाकरे ने कहा कि सावरकर ने जो किया वह उनकी रणनीति का हिस्सा थी।
मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए रविवार को उन्हें 'बेवकूफ' कहा। रविवार को राज्य में एक रैली को संबोधित करते हुए, उन्होंने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पर हमला करते हुए कहा, 'यू इडियट। सावरकर पर बोलने के लिए आपका क्या स्टैंड है, जो जेल में बंद था और काफी दर्द से गुजरा था?'
सावरकर ने ब्रिटिश साम्राज्य से मांगी माफी
सावरकर द्वारा ब्रिटिश राज को कथित रूप से लिखे गए एक पत्र के एक अंश का हवाला देते हुए राहुल ने दावा किया था कि भगवा विचारक ने ब्रिटिश साम्राज्य से माफी की भीख मांगी थी, जिससे महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे लोगों के साथ विश्वासघात हुआ।
'सावरकर ने गांधी-नेहरू नेताओं के साथ किया विश्वासघात'
राहुल ने कहा कि वीर सावरकर ने अंग्रेजों को लिखा, 'सर, मैं आपका सबसे आज्ञाकारी सेवक बना रहना चाहता हूं', और उस पर हस्ताक्षर कर दिए। सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की। उन्होंने डर के मारे इस पत्र पर हस्ताक्षर कर महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल जैसे नेताओं के साथ विश्वासघात किया।
सावरकर ने जो किया वह उनकी रणनीति का हिस्सा
ठाणे नगर पुलिस स्टेशन में राहुल के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के साथ ही राहुल की टिप्पणी पर भारी प्रतिक्रिया हुई। राहुल की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए ठाकरे ने रविवार को कहा कि सावरकर ने जो किया, वह उनकी 'रणनीति' का हिस्सा था।
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'रणनीति नाम की कोई चीज होती है'
मनसे प्रमुख ने कहा, "रणनीति नाम की कोई चीज होती है। यहां तक कि 'कृष्ण नीति' भी कहती है कि 'सर सलामत तो पगड़ी पचास'। शिवाजी महाराज ने अपने पास रखे किले भी मिर्जा राजे को दे दिए। वे उपहार नहीं बल्कि एक रणनीति थी।' उन्होंने कहा कि अतीत के नेताओं और दिग्गजों से लड़ने का कोई मतलब नहीं है।
राहुल गांधी को दी सलाह
ठाकरे ने कहा, 'मैं यह भाजपा और कांग्रेस दोनों से कह रहा हूं। पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी जैसे हमारे पिछले नेताओं की विरासत को बदनाम करने का कोई मतलब नहीं है। देश में बेरोजगारी और सुरक्षा जैसे कई मुद्दे हैं जिनके लिए लड़ना है।' उन्होंने राहुल को 'बीएमसी चुनावों के लिए तैयार होने' की भी सलाह दी।
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