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Raisina Dialogue 2020: विश्व के बड़े नेताओं ने भारत को वैश्विक मंच पर और सक्रिय होने की दी सलाह

Raisina Dialogue 2020 पहले दिन के उद्घाटन सत्र में अमेरिका-ईरान तनाव वैश्विक कारोबार की दिक्कतें और पर्यावरण को लेकर पैदा होने वाली समस्याओं पर खास तौर पर चर्चा हुई।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 09:50 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 01:12 AM (IST)
Raisina Dialogue 2020: विश्व के बड़े नेताओं ने भारत को वैश्विक मंच पर और सक्रिय होने की दी सलाह
Raisina Dialogue 2020: विश्व के बड़े नेताओं ने भारत को वैश्विक मंच पर और सक्रिय होने की दी सलाह

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वैश्विक कूटनीति पर आयोजित होने वाला एशिया के बेहद अनूठे कार्यक्रम 'रायसीना डॉयलॉग-2020' में हिस्सा लेने वाले कई वैश्विक राजनेताओं ने भारत को विश्व मंच पर और सक्रिय भूमिका निभाने की बात कही है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रायसीना डॉयलाग के शुरुआती सत्र को संबोधित करते हुए कहा भी कि भारत अब सिर्फ दुनिया में होने वाले इस तरह के कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं बनना चाहता बल्कि वह इसके केंद्र के तौर पर स्थापित होना चाहता है। यही नहीं जिस तरह से बहुध्रुवीय विश्व बन रहा है उसमें अपने हितों की रक्षा करने के लिए भी इस तरह का आयोजन जरुरी है ताकि एक मंच पर सभी पक्षों की राय जाना जा सके।

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विदेश मंत्री जयशंकर जब भाषण दे रहे थे तब उनके सामने पीएम नरेंद्र मोदी, अफगानिस्तान के एनएसए हमदुल्लाह मोहिब और दुनिया के आठ देशों के पूर्व प्रमुख और तकरीबन एक दर्जन देशों के मौजूदा विदेश मंत्री उपस्थित थे। अगले दो दिनों के दौरान रायसीना डॉयलाग-2020 के तहत 80 सत्रों का आयोजन होगा जिसमें दुनिया भर से आये तकरीबन 700 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।

पर्यावरण को लेकर पैदा होने वाली समस्याओं पर चर्चा

पहले दिन के उद्घाटन सत्र में अमेरिका-ईरान तनाव, वैश्विक कारोबार की दिक्कतें और पर्यावरण को लेकर पैदा होने वाली समस्याओं पर खास तौर पर चर्चा हुई। डेनमार्क के पूर्व पीएम व नाटो के पूर्व महासचिव एंड्रेस रासमुसेन ने कहा कि अभी जिस तरह से कई देशों में तानाशाहों का कब्जा है उसे देखते हुए दुनिया के प्रमुख लोकतांत्रिक देशों को एक होना चाहिए। भारत इसमें अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की भूरी-भूरी प्रशंसा की। आस्ट्रेलिया के पीएम स्काट मारीसन ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि, हिंद प्रशांत क्षेत्र में भारत एक अहम शक्ति है और आगे भी बना रहेगा। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि भारत अब इस क्षेत्र में ज्यादा क्रियाशील हो गया है। बताते चलें कि मारीसन को ही इस कार्यक्रम का उद्घाटन करना था लेकिन अस्ट्रेलिया के जंगलों में आग लगने की घटना से उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया था।

विदेश प्रतिनिधियों के साथ भारत के बेहद महत्वपूर्ण संबंध

रायसीना डॉयलॉग उस समय हो रहा है जब कूटनीतिक तौर पर दुनिया में काफी अस्थिरता है। कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आए विदेशी प्रतिनिधियों के साथ भारत के बेहद महत्वपूर्ण संबंध है। जैसे ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ इस कार्यक्रम में होंगे। अभी अमेरिका के साथ बेहद तनावपूर्ण स्थिति के बावजूद उनका इस कार्यक्रम में शिरकत करना इसकी अहमियत को बताता है।

यहां यह भी बता दें कि पीएम मोदी की ईरान के विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक भी होगी। यह भी महत्वपूर्ण है कि कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले 12 विदेश मंत्रियों में से मोदी सिर्फ जरीफ और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ अलग से बैठक करेंगे। माना जा रहा है कि अमेरिकी प्रतिबंध की वजह से ईरान से तेल खरीदना बंद कर चुका भारत अब उसके साथ रिश्तों को लेकर ज्यादा मुखर होने का मन बना चुका है। यही वजह है कि ईरान व अमेरिका के बीच तनाव बढ़ने पर जयशंकर ने पहले ईरान के विदेश मंत्री से फोन पर बात की।


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