नवरात्र के बाद रुला सकती हैं प्याज की कीमतें,सरकार ने बनाया ये प्लान
राजधानी में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए नैफेड को निर्देश दिये गये हैं। एजेंसी से कहा गया कि वह अपनी मौजूदा सप्लाई को दो से तीन गुना तक बढ़ा दे।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्याज की कीमतें रंग दिखाने लगी हैं, जो नवरात्र के बाद और तेज हो सकती हैं। इन्हीं आशंकाओं के बीच केंद्र सरकार हरकत में आ गयी है। मंडियों में प्याज की आपूर्ति गड़बड़ाने से कीमतों में तेजी के आसार बने हुए हैं। सचिवों की मूल्य निगरानी समिति की आनन-फानन में बैठक बुलाई गई, जिसमें कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं।
इसके तहत राजधानी दिल्ली में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए केंद्रीय एजेंसी नैफेड को निर्देश दिये गये हैं। एजेंसी से कहा गया कि वह अपनी मौजूदा सप्लाई को दो से तीन गुना तक बढ़ा दे। एजेंसी के पास प्याज का पर्याप्त स्टॉक बताया गया है। नवमी के साथ ही नवरात्र का आज समापन हो गया। बताया गया कि जिंस बाजार में प्याज की मांग में भारी इजाफा हो सकता है। इसके मुकाबले बाजारों में प्याज की आपूर्ति कम है।
दरअसल, प्याज की आपूर्ति कर्नाटक से होने वाली है, जिसके यहां पहुंचने में एक सप्ताह तक का समय लग सकता है। इस दौरान प्याज की मांग को पूरा करने के लिए नैफेड को सतर्क कर दिया गया है। केंद्रीय उपभोक्ता सचिव अविनाश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में संबंधित सचिवों और उच्चाधिकारियों की बैठक में प्याज की महंगाई पर काबू पाने के उपायों की रणनीति बनाई गई।
बागवानी आयुक्त ने बैठक में बताया कि खरीफ सीजन में प्याज की खेती का रकबा और पैदावार पिछले सीजन के मुकाबले अधिक रही है। लेकिन सब्जी बाजारों में प्याज की आपूर्ति में लगभग एक सप्ताह का समय लग सकता है। एनसीआर के राज्यों में पैदा होने वाली प्याज की आवक भी जल्दी ही शुरु होने वाली है।
सरकार ने प्याज की कीमतों में कमी लाने के लिए सभी एजेंसियों को निर्देश दिया है। उन्हें इसके लिए मूल्य स्थिरीकरण फंड से मदद दी जाएगी।
नैफेड से कहा गया है कि वह प्याज के मूल्य को घटाने के लिए अपनी आपूर्ति को तेजी से बढ़ा दे, ताकि बाजार काबू में आ सके। राजधानी दिल्ली में प्याज की आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों में दो रुपये की कमी लाने के निर्देश दिये गये हैं। मदर डेयरी ने अपनी सभी दुकानों पर तत्काल प्रभाव से कीमतें घटा दिये हैं।
बेफिक्र है दिल्ली सरकार
राजधानी में प्याज के मूल्य घटाने को लेकर केंद्र जहां बहुत गंभीर है, वहीं दिल्ली सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। केंद्र की बुलाई गई उच्च स्तरीय मूल्य निगरानी कमेटी की बैठक में दिल्ली सरकार का उपभोक्ता आयुक्त नहीं पहुंचा।
केंद्रीय उपभोक्ता सचिव अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने सख्त नाराजगी जताते हुए दिल्ली के मुख्य सचिव से फोन पर बातचीत कर इससे अवगत कराया। दिल्ली सरकार की ओर से स्टेटिस्टिकल अफसर को भेजा गया था। दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने इस पर खेद जताया।