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रेल यात्री सेवाओं पर 55 हजार करोड़ का नुकसान, किराए में बढोतरी से भरपाई महज पांच फीसद : सरकार

केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में बताया कि रेल किराए में चार पैसे प्रति किलोमीटर की मामूली बढोतरी से रेलवे को नुकसान की पांच फीसद ही भरपाई हो पाएगी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 06:29 PM (IST)Updated: Fri, 07 Feb 2020 06:33 PM (IST)
रेल यात्री सेवाओं पर 55 हजार करोड़ का नुकसान, किराए में बढोतरी से भरपाई महज पांच फीसद : सरकार
रेल यात्री सेवाओं पर 55 हजार करोड़ का नुकसान, किराए में बढोतरी से भरपाई महज पांच फीसद : सरकार

नई दिल्ली, पीटीआइ। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि रेल किराए में चार पैसे प्रति किलोमीटर की मामूली वृद्धि से इस साल रेलवे को हुए 55,000 करोड़ रुपये के नुकसान में से मुश्किल से पांच फीसद की ही भरपाई होगी। रेल यात्री भाड़े में यह वृद्धि एक जनवरी से लागू है। उन्होंने यह भी बताया कि मंत्रियो और सचिवों की समिति रेलवे के पुनर्गठन को लेकर अधिकारियों की आशंकाओं को दूर करेगी।

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प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में गोयल ने कहा कि 2004 में रेलवे को यात्री सेवाओं से 8,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था, जो अब बढ़कर 55,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। परंतु, यात्री किराए में वृद्धि बहुत संवेदनशील मसला है, इसलिए बहुत मामूली बढ़ोत्तरी की गई थी। उन्होंने बताया कि उपनगरीय रेल के किराए में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई थी। जबकि, गैर उपनगरीय रेल के किराए में एक पैसे प्रति किलोमीटर और मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में स्लीपर और एसी श्रेणी के किराए में क्रमश: दो पैसे और चार पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई थी।

सच्चाई यह है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के बाद रेल सेवा की लागत में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा कि रेलवे को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में यात्री किराए में वृद्धि समुद्र में एक बूंद के समान है। रेलवे के पुनर्गठन पर गोयल ने कहा, 'सचिवों की एक समिति और मंत्रियों का एक समूह इसको लेकर अधिकारियों की चिंताओं को दूर करेगा और आश्वस्त करेगा कि हर व्यक्ति के हितों की रक्षा की जाएगी।'

गौरतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले साल 24 दिसंबर को चेयरमैन समेत रेलवे बोर्ड की संख्या को आठ से घटाकर पांच करने और उसके विभिन्न विभागों और कैड को मिलाकर एक इकाई बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। गोयल ने कहा कि लगभग ढाई साल की चर्चा और रेलवे के एक हजार से अधिक अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद रेलवे के पुनर्गठन का फैसला किया गया है और इसका मकसद रेलवे को एक मजबूत संगठन बनाना है। 


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