रेल मंत्री ने राज्यों से प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष ट्रेनों की अनुमति देने की अपील की
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सभी राज्यों से प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष रेलगाड़ियों के संचालन की अनुमति देने की अपील की है ताकि अगले तीन से चार दिनों में फंसे हुए लोग घर पहुंच सकें।
नई दिल्ली, प्रेट्र। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सभी राज्यों से प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष रेलगाड़ियों के संचालन की अनुमति देने की अपील की है, ताकि अगले तीन से चार दिनों में फंसे हुए लोग घर पहुंच सकें। यह अपील गृह मंत्री अमित शाह के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे गए पत्र के एक दिन बाद की गई है जिसमें ट्रेनों को चलाने की अनुमति देने के लिए कहा गया।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा कि पीएम नरेंद्रमोदी जी के निर्देशानुसार, रेलवे पिछले छह दिनों से हर रोज शार्ट नोटिस पर 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाने के लिए पूरी तरह तैयार है। मैं सभी राज्यों से अपील करता हूं कि वे अपने यहां फंसे प्रवासी मजदूरों को बाहर निकालने और वापस लाने की अनुमति दें, ताकि हम सभी को अगले 3-4 दिनों में उनके घरों में पहुंचा सकें।
As per the directions of Hon'ble PM @NarendraModi ji, Railways is fully geared up to run 300 Shramik Special trains everyday at short notice since the last six days. — Piyush Goyal (@PiyushGoyal) May 10, 2020
शनिवार को पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया कि उसने अपने प्रवासी मजदूरों को घर ले जाने के लिए आठ ट्रेनों को मंजूरी दी थी। इन ट्रेनों में से चार ट्रेनों को शनिवार को रवाना होना था, जो नहीं चलीं।
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर में प्रतिदिन लगभग 300 रेलगाड़ियां चलाने की क्षमता है, जो अधिकतम पांच दिनों में लगभग 20 लाख प्रवासियों को ले जा सकती है। उन्होंने कहा, राज्यों से मंजूरी उपलब्ध नहीं हो सकी है, खासकर पश्चिम बंगाल और राजस्थान जैसे राज्यों से, जो अब तक प्रवासी मजदूरों की बड़ी आबादी का एक महत्वपूर्ण स्रोत होने के बावजूद ऐसी गाड़ियों की कम से कम संख्या स्वीकार कर रहे हैं।
10 मई तक देश भर में कुल 366 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया है, जिनमें से 287 अपने गंतव्यों तक पहुंच चुकी हैं और 79 ट्रेनें रास्ते में हैं। इन 287 ट्रेनों में से विभिन्न राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश (1 ट्रेन), बिहार (87), हिमाचल प्रदेश (1), झारखंड (16), मध्य प्रदेश (24), महाराष्ट्र (3), ओडिशा (20), राजस्थान (4), तेलंगाना (2), उत्तर प्रदेश (127), पश्चिम बंगाल (2) का संचालन किया गया।