राहुल आज गुजरात में फूंकेंगे बदलाव का बिगुल, साबरमती से पार्टी देगी सियासी संदेश
पीएम मोदी को उनके गृह राज्य में ललकारने के बाद राहुल गांधी मंगलवार को ही चेन्नई में यूपीए गठबंधन की रैली को संबोधित करने जाएंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधी चुनौती देने का संदेश देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को गुजरात में चुनावी अभियान की शुरूआत करेंगे। पार्टी की चुनावी रणनीति को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में अंतिम रूप देने के बाद गांधीनगर में राहुल बदलाव का बिगुल फूंकेंगे। वहीं तमिलनाडु में यूपीए गठबंधन की पहली मेगा चुनावी रैली में द्रमुक नेता स्टालिन के साथ मिलकर चुनाव अभियान को रफ्तार देंगे।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक मंगलवार सुबह अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में बुलाई गई है। महात्मा गांधी की 150वीं सालगिरह वर्ष के मौके पर बुलाई गई इस विशेष बैठक में लोकसभा चुनाव की रणनीति का एजेंडा भी अहम होगा। खासतौर पर पुलवामा आतंकी हमले के बाद चुनाव अभियान को राष्ट्रवाद के रंग में रंगने की भाजपा की लगातार कोशिशों को नाकाम करने के लिए चर्चा कर जवाबी रणनीति पार्टी तय करेगी।
कार्यसमिति की यह बैठक पहले 28 फरवरी को होनी थी, मगर पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों की शहादत को देखते हुए कांग्रेस ने बैठक 12 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी थी। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर पार्टी की नई महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी इस बैठक में शामिल होंगी। चुनावी चिंतन के अलावा विशेष रुप से महात्मा गांधी के योगदानों को लेकर अहम प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
चुनाव से पहले गांधी के साबरमती में बैठक करने के भी अपने सियासी मायने हैं। राहुल गांधी ने दिल्ली में चुनावी अभियान की शुरूआत करते हुए सोमवार को 2019 के चुनाव को गांधी बनाम गोडसे के विचारों के बीच बताकर इसका संदेश भी दे दिया।
कार्यसमिति की बैठक के बाद गांधीनगर में राहुल समेत पार्टी के दिग्गज चुनावी रैली से गुजरात के प्रचार अभियान का आगाज करेंगे। प्रियंका गांधी वाड्रा के भी इस रैली को संबोधित करने की संभावना है। सक्रिय राजनीति में आने के बाद प्रियंका की यह पहली जनसभा होगी। कांग्रेस की इस रैली के दौरान ही गुजरात के युवा पाटीदार नेता हार्दिक पटेल पार्टी में शामिल होंगे। हार्दिक केवल पार्टी में शामिल ही नहीं होंगे, बल्कि लोकसभा का चुनाव भी लड़ेंगे।
पीएम मोदी को उनके गृह राज्य में ललकारने के बाद राहुल गांधी मंगलवार को ही चेन्नई में यूपीए गठबंधन की रैली को संबोधित करने जाएंगे। द्रमुक प्रमुख स्टालिन ने कांग्रेस व दूसरे छोटे दलों के साथ चुनावी गठबंधन को सिरे चढ़ाने के बाद बड़ी रैली बुलाई है। तमिलनाडु उन अहम राज्यों में शामिल है जहां कांग्रेस और यूपीए को इस बार चुनावी नतीजे में बडे बदलाव की उम्मीद है। इसीलिए राहुल इस सूबे के चुनावी अभियान में कोई गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहते।