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Coronavirus: राहुल ने मोदी सरकार को किया आगाह, कहा- आर्थिक सुनामी ला सकता है कोराना

कोरोना वायरस के खतरों से निपटने के लिए सरकार के कदमों को लगातार अपर्याप्त बता रहे राहुल गांधी ने संसद भवन में पत्रकारों से चर्चा में यह बात कही।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 17 Mar 2020 08:14 PM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2020 08:14 PM (IST)
Coronavirus: राहुल ने मोदी सरकार को किया आगाह, कहा- आर्थिक सुनामी ला सकता है कोराना
Coronavirus: राहुल ने मोदी सरकार को किया आगाह, कहा- आर्थिक सुनामी ला सकता है कोराना

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना वायरस की चुनौती के साथ अर्थव्यवस्था पर इसके हो रहे गंभीर असर को लेकर सरकार को एक बार फिर आगाह किया है। उन्होंने कहा कि पहले से जारी आर्थिक चुनौतियों के दौर में कोराना अर्थव्यवस्था के लिए सुनामी बनता नजर आ रहा है। इन दोहरी चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों को अपर्याप्त ठहराते हुए राहुल ने कहा कि समय रहते नहीं चेता गया तो इसकी सुनामी अर्थव्यवस्था को तबाह कर देगी।

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कोरोना वायरस के खतरों से निपटने के लिए सरकारी कदम नाकाफी

कोरोना वायरस के खतरों से निपटने के लिए सरकार के कदमों को लगातार अपर्याप्त बता रहे राहुल गांधी ने संसद भवन में पत्रकारों से चर्चा में यह बात कही। उनका कहना था कि वे पहले से कह रहे हैं कि आर्थिक सुनामी आने वाली है। कोविद-19 वायरस के भारत में आने से पूर्व ही वे लगातार सरकार को आगाह करते रहे हैं कि इसके खतरों से निपटने की तैयारी शुरू कर दे। मगर सरकार सतही तौर पर इधर-उधर की बात कर यहां भी असली चुनौती से ध्यान बंटा रही है। इस गंभीर स्थिति के मद्देनजर आर्थिक हालत को संभालने के लिए सरकार की ओर से कोई ठोस एहतियाती कदम अभी तक नहीं उठाया गया है।

राहुल ने कहा- कोरोना के प्रभाव से अर्थव्यवस्था को बचाना असली राष्ट्रवाद है

राहुल ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को बचाने की बात करना और उसके लिए जरूरी कदम उठाना असली राष्ट्रवाद है मगर इस पर कोई बात नहीं हो रही है। इसीलिए दुखी मन से वे कह रहे हैं कि हमारे सामने ऐसा आर्थिक संकट आने वाला है कि करोड़ों लोगों का नुकसान होगा और दुख पहुंचेगा, विडंबना है कि इस संकट को लेकर उनकी बात को कोई सुन नहीं रहा है। 

सरकार अर्थव्यवस्था पर भरोसा करे रेटिंग पर नहीं- राहुल

वैश्विक एजेंसी मूडी के भारत की अर्थव्यवस्था की रेटिंग घटाने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि मसला रेटिंग बढ़ाने या घटाने का नहीं। असली समस्या है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह नजरिया बन गया है कि बाहरी लोग कैसी रेटिंग देते हैं या आकलन करते हैं। जहां तक उनका सवाल है कि विदेशी रेटिंग की परवाह किए बिना हम अर्थव्यवस्था और अपने लोगों की ताकत पर भरोसा करें तो बेहतर होगा।

तो फिर तबाही का सामना करना पड़ सकता है

कांग्रेस नेता ने कहा कि हमने अपनी ताकत और लोगों के सहारे अर्थव्यवस्था को स्थिर करने की नीति आगे नहीं बढ़ाई तो फिर मौजूदा दौर में तबाही का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन समस्या यह है कि अभी सत्ता में बैठे लोग चाहे मूडीज हो या ट्रंप उनकी रेटिंग चाहते हैं और अपनी ताकत पर उन्हें भरोसा ही नहीं है।


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