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मोदी विरोध इन धुर विरोधियों को ले आया एक मंच पर, 2019 के लिए एक दिखने की कोशिश

बुधवार शाम 4.30 बजे एचडी कुमारास्वामी ने कर्नाटक मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। उनके शपथग्रहण समारोह में विपक्ष के तमाम नेता मौजूद रहे।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 10:13 AM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 05:40 PM (IST)
मोदी विरोध इन धुर विरोधियों को ले आया एक मंच पर, 2019 के लिए एक दिखने की कोशिश
मोदी विरोध इन धुर विरोधियों को ले आया एक मंच पर, 2019 के लिए एक दिखने की कोशिश

नई दिल्ली (जेएनएन)। कर्नाटक में जदएस-कांग्रेस की गठबंधन सरकार के मुखिया तौर पर एचडी कुमारस्वामी ने बुधवार को शपथ ग्रहण की। उनके साथ दलित नेता और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी. परमेश्वर ने भी उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। वहीं, दूसरी तरफ कर्नाटक विधानसभा परिसर में बने मंच से भाजपा और खासकर मोदी विरोध में तमाम विपक्षी दलों का शक्ति प्रदर्शन भी दिखा। कर्नाटक में विपक्षी दलों का एकजुट होना कुछ और नहीं 2019 के आम चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट दिखने की कोशिश भर है।

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कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में पूरब से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक गैर भाजपा नेता पहुंचे। दिलचस्प बात ये है कि राजनीतिक और वैचारिक रूप से विरोधी माने जाने वाले नेता भी कांग्रेस-जेडीएस के इस आयोजन में एक मंच पर नजर आए। हालांकि कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर कर्नाटक में सरकार तो बना ली है, लेकिन खुद सरकार के मुखिया को भी इस गठबंधन को लेकर संशय है। इसीलिए तो मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले ही कुमारस्वामी ने कहा कि पांच साल सरकार चलाना एक चुनौती जैसा होगा।

कई विपक्षी नेताओं ने की शिरकत
शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, राजद के तेजस्वी यादव, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आदि ने शिरकत की। हालांकि, द्रमुक नेता एमके स्टालिन बेंगलुरु जाकर इस मोदी विरोधी गुट में नजर नहीं आए।

जदएस के विज्ञापन में जयप्रकाश नारायण को प्रमुखता
राज्य में स्थानीय अखबारों के मंगलवार के अंक में जदएस का पूरे पेज का विज्ञापन प्रकाशित हुआ। कितनी विडबंना है कि इसमें आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण को बीच में प्रमुखता से दिखाया गया और इसी विज्ञापन में दाहिनी ओर जदएस सुप्रीमो एचडी देवेगौड़ा और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी दिखाया गया। जबकि बायीं ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बसपा सुप्रीमो मायावती भी नजर आ रही हैं। इस विज्ञापन के जरिये आगामी लोकसभा चुनाव से पहले गैर-राजग दलों को साथ आने का संकेत देने का प्रयास किया गया है।

कांग्रेस नेता रमेश कुमार को विधानसभा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव और पार्टी के प्रदेश प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने बताया कि पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता रमेश कुमार विधानसभा के अध्यक्ष होंगे। विधानसभा उपाध्यक्ष जदएस से होंगे। गठबंधन सरकार में 22 मंत्री कांग्रेस के और 12 मंत्री जदएस के होंगे। सभी मंत्रियों को गुरुवार को होने वाले बहुमत परीक्षण के बाद शपथ दिलाई जाएगी। वहीं, कुमारस्वामी ने बताया कि मंत्रियों के विभाग बंटवारे पर गुरुवार को ही विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा सरकार के सुचारू संचालन के लिए एक समन्वय समिति भी बनाई जाएगी। बता दें कि कुमारस्वामी पिछले एक हफ्ते में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले दूसरे व्यक्ति होंगे। इससे पहले राज्यपाल ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीएस येद्दयुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी। लेकिन विश्वास प्रस्ताव का सामना किए बगैर ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।

शिवकुमार नहीं बन पाए उपमुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री पद की दौड़ में कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार का नाम भी आगे था, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस पद के लिए जी. परमेश्वर के नाम को मंजूरी दी। बताते हैं कि जदएस प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा को उनके नाम पर आपत्ति थी क्योंकि गौड़ा परिवार और शिवकुमार दोनों ही वोक्कालिगा समुदाय से हैं और शिवकुमार को उनका कट्टर प्रतिद्वंदी माना जाता है। हालांकि, देवेगौड़ा ने इन खबरों को पूरी तरह गलत बताया है।

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे जदएस नेता कुमारस्वामी ने कहा है कि अगले पांच साल तक कांग्रेस-जदएस की गठबंधन सरकार चलाना उनके लिए 'बड़ी चुनौती' होगी। मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कुमारस्वामी ने कहा, 'यह मेरी जिंदगी की बड़ी चुनौती है। मुझे इस बात की उम्मीद नहीं है कि मैं मुख्यमंत्री के तौर पर अपने दायित्व आसानी से निभा पाऊंगा। सिर्फ मुझे ही नहीं, राज्य के लोगों को भी संदेह है कि क्या यह सरकार सुचारू रूप से चल पाएगी। लेकिन मुझे विश्वास है कि शारदाम्बे और श्रृंगेरी जगतगुरु (शंकराचार्य) की अनुकंपा से हर चीज आसान हो जाएगी।' इससे पूर्व, कुमारस्वामी ने मंगलवार को श्रृंगेरी शारदा मंदिर, दक्षिणाम्या पीठम और प्रसिद्ध मंजूनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। 


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