सरकारी नीति पर सवाल दागते हुए राहुल ने कहा- शिक्षा पर और खर्च करने की जरूरत है
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वे शिक्षा क्षेत्र को पूरी तरह निजी हाथों में सौंपने के खिलाफ हैं और शिक्षा पर सरकारी खर्च और बढ़ाने की जरूरत है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि वे शिक्षा क्षेत्र को पूरी तरह निजी हाथों में सौंपने के खिलाफ हैं और शिक्षा पर सरकारी खर्च और बढ़ाने की जरूरत है। मोदी सरकार की शिक्षा व रोजगार नीति पर सवाल उठाते हुए राहुल ने कहा कि 15-20 उद्योगपतियों का बैंक कर्ज माफ किया जा सकता है तो छात्रों को रियायत क्यों नहीं दी जा सकती। रोजगार के मोर्चे पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि पीएम यह मानने को तैयार नहीं कि 'रोजगार का संकट' गहरा है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ जवाहरलाल नेहरू इंडोर स्टेडियम में 'शिक्षा: दशा और दिशा' विषय पर खुले संवाद में यह बात कही। उनका कहना था कि उच्च शिक्षा के संस्थान से लेकर केंद्रीय विश्वविद्यालय खोलने में कांग्रेस की यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार का रिकार्ड बेहद कमजोर रहा है। वहीं पांच सालों में शिक्षण संस्थाओं को भाजपा-संघ की विचाराधारा के लिए हथियार बनाया गया है।
महंगी शिक्षा के सवाल पर राहुल ने कहा कि निजी क्षेत्र की अपनी भूमिका है मगर वे मानते हैं कि शिक्षा क्षेत्र का नब्बे फीसद सरकारी खर्च से संचालित होना चाहिए। इस नीति पर कांग्रेस में कोई दुविधा नहीं है क्योंकि हम मानते हैं कि छात्रों का पैसा केवल 15-20 चुनिंदा लोगों की जेब में नहीं जाना चाहिए।
जैसे देश की बड़ी संपदा केवल चुनिंदा लोगों के हाथ में है। रोजगार को लेकर राहुल ने कहा कि पीएम को सामने आकर समस्या को स्वीकार कर छात्रों से चर्चा के जरिये समाधान निकालना चाहिए मगर पीएम इससे मानने को राजी नहीं। पीएम को केवल अपनी बात नहीं सुनानी चाहिए बल्कि छात्रों को सुनने की जरूरत है।
भ्रष्टाचार और राजनीतिक दलों को आरटीआई के दायरे में लाने के सवाल पर राहुल ने कहा कि सियासी पार्टियां जनता के प्रति जवाबदेह हैं। इसलिए पार्टियों को आरटीआई में लाया जाता है तो फिर न्यायपालिका, प्रेस, बड़े उद्योगपतियों आदि को भी इसमें लाना होगा और तब कांग्रेस को कोई आपत्ति नहीं होगी।
राहुल ने कहा कि भ्रष्टाचार रोकना है तो पहल शीर्ष से शुरू होनी चाहिए और लोकपाल इसमें सबसे अहम है। मगर मोदी सरकार ने आरटीआई को जहां बर्बाद कर दिया वहीं लोकपाल का अता-पता नहीं है।
नोटबंदी को सबसे बड़ा घोटाला बताते हुए राहुल ने कहा कि जमीनों में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार होता है। इसीलिए भूमि अधिग्रहण कानून को मजबूत करने की लड़ाई उन्होंने लड़ी। जबकि मोदी सरकार ने इसे कमजोर करने के सारे प्रयास किए।
दादी इंदिरा मां से भी बढ़कर थीं
छात्रों के साथ संवाद से पहले पुलवामा के शहीदों को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। राहुल ने अपनी दादी इंदिरा गांधी की हत्या का उल्लेख करते हुए कहा कि वे शहीद परिवारों के दुख को बखूबी समझते हैं क्योंकि दादी उनके लिए मां से बढकर थीं। दादी पर गोली चलाने वाला सुरक्षाकर्मी सतवंत सिंह उनके दोस्त जैसा था जिसने उन्हें बैडमिंटन सिखाई थी। अपने परिवार के दो सदस्यों को खोने के बाद भी उनका मानना है कि हिंसा और घृणा को केवल प्रेम से ही खत्म किया जा सकता है।
पीएम को गले लगाने की वजह बताई
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाने के वाकये की चर्चा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भले ही उनके परिवार को लेकर तमाम कटु बातें कही जाती रही मगर उन्होंने केवल प्रेम दर्शाया। राहुल ने कहा कि जब पीएम को उन्होंने गले लगाया तो वे स्तब्ध थे और समझ नहीं पा रहे थे कि क्या हुआ और उन्होंने महसूस किया कि पीएम की जिंदगी में प्रेम की कमी रही है।