कांग्रेस शासित राज्यों में राहुल रखेंगे पूरी नजर, मुख्यमंत्रियों के कामकाज की होगी समीक्षा
लोकसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस आलाकमान राहुल गांधी काफी सतर्क हो गए हैं। अब काग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की परफोर्मेंस पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
रायपुर, अनुज सक्सेना। कांग्रेस शासित राज्यों में भी कांग्रेस की करारी हार ने संगठन में बदलाव और सरकारों के कामकाज की नए सिरे से समीक्षा की जरूरत पर नेतृत्व का ध्यान खींचा है। कांग्रेस राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में इस बात के संकेत भी मुख्यमंत्रियों को मिले हैं कि उनके परफॉर्मेस पर भी आलाकमान की नजर रहेगी। राहुल अध्यक्ष पद से हटने पर भी पूरा ध्यान संगठन पर ही देंगे।
राहुल छत्तीसगढ़ समेत कांग्रेस शासित राज्यों के बूते अब अगले पांच साल पार्टी की ब्रांडिंग करेंगे। इस कारण राज्यों की कांग्रेस सरकारों को न केवल काम करके दिखाना होगा, बल्कि जनता से किए हर वादे को पूरा भी करना होगा।
लोकसभा चुनाव में राहुल ने पांच माह पहले तीन राज्यों में बनी कांग्रेस सरकार के कामकाज की जमकर ब्रांडिंग की। खासकर, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश का नाम राहुल ने ज्यादातर जगहों पर लिया। दूसरे राज्यों के किसानों को बताया कि कांग्रेस शासित राज्यों में किसानों का कर्जमाफ कर दिया गया है। हालांकि, जिन तीन राज्यों की राहुल ने ब्रांडिंग की, वहां कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
राजस्थान में जीरो, मध्य प्रदेश में एक और छत्तीसगढ़ में दो सीट ही मिल पाई। राहुल ने संकेत दिया है कि वह राज्यों की कांग्रेस सरकार के कामकाज पर नजर रखेंगे। शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक के बाद राहुल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहा है कि वह अब पूरी तरह से अच्छी और जनहित वाली सरकार चलाने पर ध्यान दें।
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