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अर्थव्यवस्था पर अभिजीत बनर्जी ने की राहुल गांधी से चर्चा, बोले- लोगों को कैश पहुंचाए सरकार, कर्ज भी करे माफ

राहुल गांधी मंगलवार को नोबल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी के साथ बातचीत की इस दौरान उन्होंने अर्थव्यवस्था के पतन को लेकर विचार साझा किए हैं।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 08:40 AM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 11:39 AM (IST)
अर्थव्यवस्था पर अभिजीत बनर्जी ने की राहुल गांधी से चर्चा, बोले- लोगों को कैश पहुंचाए सरकार, कर्ज भी करे माफ
अर्थव्यवस्था पर अभिजीत बनर्जी ने की राहुल गांधी से चर्चा, बोले- लोगों को कैश पहुंचाए सरकार, कर्ज भी करे माफ

 नई दिल्ली, एएनआइ। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विशेषज्ञों के साथ चर्चा की अपनी श्रृंखला के तहत मंगलवार को नोबेल पुरस्कार विजेता, अभिजीत बनर्जी के साथ कोरोना वायरस (COVID-19) संकट के आर्थिक पतन पर बातचीत की।

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अभिजीत ने गिनाई अर्थव्यवस्था को लेकर चिंताएं

बातचीत के दौरान प्रो अभिजीत ने राहुल गांधी से कहा कि दो चिंताएं हैं, एक यह है कि दिवालिया होने की श्रृंखला से कैसे बचा जाए, सरकार को बहुत सारे ऋणों को माफ कर देना चाहिए। दूसरा मांग में कमी है, साथ ही सरकार को लोगों के हाथों में कुछ नकदी देने अर्थव्यवस्था को शुरू करने का सबसे अच्छा तरीका है।  इस दौरान राहुल गांधी ने अभिजीत से सवाल पूछते हुए कहा कि जब आपने नोबेल पुरस्कार जीता तो क्या वह चौंकाने वाला था? अभिजीत बोले बिल्कुल उन्होंने कभी ऐसा नहीं सोचा था।

राहुल ने ट्वीट कर दी थी जानकारी 

बता दें कि इस बारे में ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए राहुल गांधी ने लिखा कि कल सुबह 9 बजे,   कोरोना वायरस (COVID-19) संकट से आर्थिक गिरावट से निपटने के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता, अभिजीत बनर्जी के साथ मेरी बातचीत देखने के लिए ट्यून करें। बातचीत में शामिल होने और नियमित वीडियो अपडेट के लिए सदस्यता लें। मेरा YouTube चैनल पर। 

कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को बातचीत की 1: 44 मिनट की क्लिप ट्वीट की जो कल प्रसारित होगी। वीडियो में यह कहा गया कि उन्होंने उन तरीकों पर चर्चा की जिनसे इस संकट का प्रबंधन किया जा सकता है और अन्य आपदाओं को रोका जा सकता है और उन्होंने यह भी बताया कि राहत के उपायों को कैसे बेहतर तरीके से लागू किया जा सकता है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने की चर्चा

गांधी ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के साथ पहली बार इस तरह की बातचीत की, जिसके दौरान उत्तरार्द्ध ने कहा कि कोरोना वायरस-प्रेरित लॉकडाउन से प्रभावित गरीबों की मदद के लिए 65,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि बेरोजगारी की संख्या वास्तव में चिंताजनक है और भारत को लॉकडाउन उठाते वक्त काफी चतुराई बरतनी होगी। 


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