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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के राहत पैकेज पर बोले राहुल गांधी- ये पैकेज नहीं सरकार एक और ढकोसला

कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी केंद्र के नए पैकेज पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ बुनियादी सत्य है- कोई भी बैंकर कर्ज में डूबे व्यवसाय को उधार नहीं देगा। कारोबारियों को अधिक क्रेडिट नहीं उन्हें गैर-क्रेडिट पूंजी की आवश्यकता होती है।

By TilakrajEdited By: Published: Tue, 29 Jun 2021 03:21 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jun 2021 03:21 PM (IST)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के राहत पैकेज पर बोले राहुल गांधी- ये पैकेज नहीं सरकार एक और ढकोसला
कोरोना प्रभावित सेक्टरों को 1.1 लाख करोड़ रुपये लोन गारंटी स्कीम का एलान

नई दिल्ली, एएनआइ। सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहत पैकेज का ऐलान कर कोरोना प्रभावित सेक्टरों को 1.1 लाख करोड़ रुपये लोन गारंटी स्कीम का एलान किया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस पैकेज को धोखा बताया है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को घोषित पैकेज का उपयोग परिवारों द्वारा भोजन, दवाओं या अपने बच्चों की शिक्षा पर खर्च करने के लिए नहीं किया जा सकता है। यह पैकेज नहीं सरकार एक और ढकोसला है।

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कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी केंद्र के नए पैकेज पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ बुनियादी सत्य है- कोई भी बैंकर कर्ज में डूबे व्यवसाय को उधार नहीं देगा। कर्ज के बोझ से दबे या नकदी की कमी वाले कारोबार को अधिक क्रेडिट नहीं चाहिए, उन्हें गैर-क्रेडिट पूंजी की आवश्यकता होती है। अधिक आपूर्ति का मतलब अधिक मांग (खपत) नहीं है। ऐसी अर्थव्यवस्था में मांग (खपत) नहीं बढ़ेगी जहां नौकरियां चली गई हैं और आय/मजदूरी कम हो गई है। मौजूदा संकट का एक ही जवाब है कि लोगों के हाथ में पैसा दिया जाए, खासकर गरीब और निम्न-मध्यम वर्ग के लोगों को।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना की दूसरी लहर के प्रभाव से संघर्ष कर रही अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना की घोषणा की थी। चिकित्सा के लिए बुनियादी ढांचे को 50,000 करोड़ रुपये के गारंटीकृत ऋण की घोषणा की गई है। अन्य सेक्टरों को 60 हज़ार करोड़ रुपये दिए जाएगे।

राहत पैकेज में टूरिस्ट गाइड और ट्रेवल टूरिज्म की भी वित्तीय मदद करने का ऐलान किया गया है। लाइसेंसधारी टूरिस्ट गाइडों को 1 लाख रुपए और लाइसेंसधारी टूरिस्ट एजेंसी को 10 लाख रुपए तक का लोन देने की बात कही गई है। अगले साल 31 मार्च तक या फिर पांच लाख पर्यटकों को वीजा शुल्क देने की जरूरत नहीं होगी।


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