Rahul Gandhi: ''सावरकर नहीं गांधी हूं, माफी नहीं मांगूंगा'', लोकसभा की सदस्यता खत्म होने के बाद राहुल का बयान
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मेरा नाम सावरकर नहीं गांधी है और गांधी कभी माफी नहीं मांगते। राहुल गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार को मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वह सवाल पूछते रहेंगे। File Photo
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मेरा नाम सावरकर नहीं, गांधी है और गांधी कभी माफी नहीं मांगते। कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार को मीडिया से बात करते हुए राहुल ने कहा, ''अदाणी मुद्दे पर लोकसभा में मेरे अगले भाषण से डरी सरकार ने इसे रोकने के लिए संसद की सदस्यता रद कराई है। बावजूद इसके यह सवाल मैं पूछता रहूंगा कि किसने अदाणी की शेल कंपनी में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया?''
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर वार करते हुए राहुल ने आरोप लगाया कि सरकार के लिए 'देश अदाणी है और अदाणी देश' है। सरकार-भाजपा के ओबीसी विरोधी आरोपों और सत्ता की धमकियों से नहीं डरने की ताल ठोकते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सदस्यता की उन्हें परवाह नहीं। सरकार चाहे आजीवन अयोग्य ठहरा दे या जेल में डाल दे, वे डरने वाले नहीं, क्योंकि वे लोकतंत्र की आवाज बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। यह लड़ाई सच्चाई की है और उनकी तपस्या है। इसे वे किसी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे।
सदस्यता रद किए जाने के बाद अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में लंबी राजनीतिक लड़ाई के लिए तैयार रहने का संदेश देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे संसद में हैं या बाहर। वे भाजपा और पीएम मोदी के ध्यान भटकाने के सियासी खेल के खिलाफ लड़ते हुए अदाणी से रिश्तों पर जवाब मांगते रहेंगे।
लोकसभा में अदाणी मुद्दे पर दिए उनके भाषण के अंशों को रिकार्ड से हटाने, विदेश दौरों में उनके बयान को लेकर झूठे आरोप लगाने से लेकर उन्हें अपना पक्ष रखने का सदन में मौका नहीं देने का उदाहरण देते हुए राहुल ने कहा कि यह पूरा खेल लोगों का ध्यान भटकाने के लिए था। सरकार इसको लेकर भयभीत थी।
राहुल ने कहा, ''मुझे अयोग्य घोषित किया गया है, क्योंकि प्रधानमंत्री मेरे अगले भाषण से डरे हुए हैं। मैंने इसे उनकी आंखों में देखा है। वे नहीं चाहते थे कि मैं संसद में भाषण दूं।'' देश में लोकतंत्र खत्म होने की बात उठाते हुए राहुल ने कहा कि सभी संस्थाओं पर दबाव है। विपक्ष के पास सीधे जनता के बीच जाकर इसे बताने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
गहलोत, बघेल के जरिये ओबीसीअपमान पर जवाब देने की कोशिश
राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस में दाएं-बाएं बैठे कांग्रेस के दो ओबीसी मुख्यमंत्रियों अशोक गहलोत और भूपेश बघेल की मौजूदगी के जरिये पार्टी ने ओबीसी अपमान के आरोपों का जवाब देने की कोशिश की। राहुल ने कहा कि भाजपा के भटकाने वाले इन तरीकों का कोई असर नहीं होगा। वे गौतम अदाणी से प्रधानमंत्री के रिश्ते क्या हैं, यह सवाल पूछना बंद नहीं करेंगे?
सदस्यता वापस मिले या न मिले, इसमें कोई दिलचस्पी नहीं
अपनी सदस्यता बहाली से जुड़े सवाल पर राहुल ने कहा कि इसमें उनकी कोई दिलचस्पी नहीं कि यह वापस मिले या न मिले। भारत में लोकतंत्र के स्वरूप और आवाज को बचाने के लिए वे लड़ते रहेंगे। सदस्यता रद किए जाने के बाद तमाम विपक्षी नेताओं के समर्थन के लिए उनका आभार जताते हुए कांग्रेस नेता ने सबके साथ मिलकर काम करने की बात भी कही।
घबराहट में कदम उठाकर विपक्ष को सौंप दिया हथियार सदस्यता खत्म करने पर राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री की घबराहट में की गई इस प्रतिक्रिया का विपक्ष को सबसे अधिक लाभ होग। उन्होंने हमें सबसे बड़ा हथियार सौंप दिया है। पीएम इससे भयभीत हैं कि अदाणी मुद्दे की सच्चाई सामने आ जाएगी। वे जानते हैं कि जिसे वे बचा रहे हैं वह भ्रष्ट व्यक्ति है।
राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि अदाणी पीएम के साथ अपने रिश्ते का दोहन कर रहे हैं। राहुल ने कहा कि वे प्रधानमंत्री पर नहीं अदाणी पर सवाल पूछ रहे हैं, मगर भाजपा अदाणी का बचाव कर रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि भाजपा ही अदाणी है। मानहानि के मुकदमे पर राहुल ने कहा कि यह एक कानूनी मामला है। इसलिए कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।