सैनिकों-कर्मचारियों के भत्ते नहीं फिजूल की परियोजनाएं रोके सरकार: राहुल गांधी
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि जवानों और कर्मचारियों का भत्ता काटने की बजाय सरकार को सेंट्रल विस्टा परियोजना व बुलेट ट्रेन परियोजना को फिलहाल स्थगित करना चाहिए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने कोरोना संकट से निपटने के लिए सैनिकों व रिटायर फौजियों के साथ केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को फ्रीज करने पर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि जवानों और कर्मचारियों का भत्ता काटने की बजाय सरकार को सौंदर्यीकरण से जुड़ी सेंट्रल विस्टा परियोजना व बुलेट ट्रेन परियोजना को फिलहाल स्थगित करना चाहिए। पार्टी ने महंगाई भत्ते पर रोक के फैसले को वापस लेने की मांग भी की है।
कांग्रेस ने सेंट्रल विस्टा योजना व बुलेट ट्रेन परियोजना स्थगित करने की मांग की
केंद्रीय कर्मचारियों-पेंशनरों के महंगाई भत्ते को एक साल तक रोके जाने के फैसले पर ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने कहा 'लाखों करोड़ रुपये की बुलेट ट्रेन परियोजना और केंद्रीय विस्टा सौंदर्यीकरण परियोजना को निलंबित करने की बजाय कोरोना से जूझ कर जनता की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता काटना सरकार का असंवेदनशील तथा अमानवीय निर्णय है।'
'सरकार ने 30 दिन में ही बजट का फैसला पलट दिया'
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने इस पर वीडियो प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कोरोना के संकट से पैदा हुई आर्थिक मंदी में मरहम लगाने की बजाय मोदी सरकार जले पर नमक छिड़कने में लगी है। अभी एक महीने पहले ही सरकार ने 30,42,000 करोड़ रुपये का बजट पारित किया था जिसमें सभी खर्चे का हिसाब था। मगर कोरोना से लड़ाई में फिजूल के खर्चे को रोकने की बजाय सरकार ने 30 दिन में ही बजट का फैसला पलट दिया है।
केंद्रीय योजनाओं को छोड़कर सरकारी खर्च में 30 प्रतिशत कटौती की जाए
राहुल की मांगों को समर्थन करते हुए सुरजेवाला ने कहा कि सरकार तंगी में है तो गैरजरूरी खर्च में कटौती करे। इस क्रम में 20,000 करोड़ रुपये के सेंट्रल विस्टा व नये संसद भवन निर्माण और 1,10,000 करोड़ रुपये की बुलेट ट्रेन परियोजना को रद्द किया जाए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय योजनाओं को छोड़कर सरकारी खर्च में 30 प्रतिशत कटौती की जाएगी तो 2,50,000 करोड़ रुपये सालाना की बचत हो सकती है और सरकार इस विकल्प को नहीं अपना रही।
कांग्रेस न ता ने कहा कि फौजियों, कर्मचारियों व पेंशनरों और मध्यम वर्ग के साथ हाल के दिनों में दूसरी बार अन्याय हुआ है। इससे पूर्व पीपीएफ, सुकन्या, एनसीसी समेत सभी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर में बड़ी कटौती की गई थी। इसीलिए कांग्रेस की मांग है कि कटौती की बजाय सरकार इन पैसों को जवानों और कर्मचारियों को दे ताकि वे कोरोना की महामारी के दौरान आर्थिक संकट की स्थिति से खुद को बचा सकें।