चाहे आजीवन अयोग्य ठहरा जेल में डाल दें सवाल पूछने से नहीं डरेंगे, राहुल गांधी ने भाजपा पर जमकर साधा निशाना
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि अदाणी मुद्दे पर लोकसभा में उनके अगले भाषण को लेकर डरी सरकार ने इसे रोकने के लिए संसद की सदस्यता रद करायी है। उन्होंने कहा कि मेरा नाम सावरकर नहीं गांधी है और गांधी कभी माफी नहीं मांगते। फाइल फोटो।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि अदाणी मुद्दे पर लोकसभा में उनके अगले भाषण को लेकर डरी सरकार ने इसे रोकने के लिए संसद की सदस्यता रद करायी है। बावजूद इसके अदाणी से जुड़े यह सवाल वे पूछते रहेंगे कि किसने अदाणी की शेल कंपनी में 20000 करोड रुपए का निवेश किया? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर वार करते हुए राहुल ने आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के लिए 'देश अडाणी है और अडाणी देश' है।
सदस्यता की नहीं है कोई परवाह
सरकार-भाजपा के ओबीसी विरोधी आरोपों और सत्ता की धमकियों से नहीं डरने की ताल ठोकते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सदस्यता की उन्हें परवाह नहीं। सरकार चाहे आजीवन अयोग्य ठहरा दे या जेल में डाल वे डरने वाले नहीं क्योंकि वे भारत के नागरिकों के लोकतंत्र की आवाज को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
सरकार ने विपक्ष को सौंपा हथियार
उन्होंने कहा कि भयभीत सरकार ने सदस्यता रद कर विपक्ष को इस लड़ाई में एक बड़ा हथियार सौंप दिया है। कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार को सदस्यता रद किए जाने के बाद अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में लंबी राजनीतिक लड़ाई के लिए पूरी तरह तैयार रहने का संदेश देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे संसद में हैं या बाहर वे भाजपा और पीएम मोदी के ध्यान भटकाने के सियासी खेल के खिलाफ लड़ते हुए अदाणी से रिश्तों पर जवाब मांगते रहेंगे।
सदन में नहीं मिला पक्ष रखने का मौका
लोकसभा में अदाणी मुद्दे पर दिए उनके भाषण के अंशों को रिकार्ड से हटाने, विदेश दौरों में उनके बयान को लेकर झूठे आरोप लगाने से लेकर उन्हें अपना पक्ष रखने का सदन में मौका नहीं देने जैसे वाकयों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह पूरा खेल लोगों का ध्यान भटकाने के लिए था। सरकार इसको लेकर भयभीत थी।
सभी संस्थाओं पर है दबाव
राहुल ने कहा, "मुझे अयोग्य घोषित किया गया है क्योंकि प्रधानमंत्री मेरे अगले भाषण से डरे हुए हैं। मैंने इसे उनकी आंखों में देखा है। इसलिए नहीं चाहते थे कि वे संसद में भाषण दें।" देश में लोकतंत्र खत्म होने की बात उठाते हुए राहुल ने कहा कि सभी संस्थाओं पर दबाव है और विपक्ष के पास सीधे जनता के बीच जाकर इसे बताने के अलावा कोई विकल्प नहीं है और वे देश के लोकतंत्र की आवाज को बचाने की सच्चाई की इस लड़ाई में किसी चीज से नहीं डरने वाले।
भजपा के भटकाने वाले तरीकों का नहीं होगा कोई असर
राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस में दाएं-बाएं बैठे कांग्रेस के दो ओबीसी मुख्यमंत्रियों अशोक गहलोत ओर भूपेश बघेल की मौजूदगी के जरिए भाजपा के ओबीसी अपमान के आरोपों का राजनीतिक जवाब देने की भी पार्टी की ओर से कोशिश की गई। वहीं, राहुल ने कहा कि भाजपा के भटकाने वाले इन तरीकों का कोई असर नहीं होगा और वे गौतम अदाणी से प्रधानमंत्री के रिश्ते क्या हैं और शेल कंपनी में निवेश किए गए 20 हजार करोड़ रुपए किसके हैं यह सवाल पूछना बंद नहीं करेंगे?
सदस्यता बहाली में नहीं है कोई दिलचस्पी
उन्होंने कहा कि अगर वे सोचें कि मुझे अयोग्य ठहरा, धमका या जेल में डाल कर डरा देंगे तो ऐसा उनका इतिहास नहीं है। अपनी सदस्यता बहाली से जुडे सवाल पर कहा कि इसमें उनकी कोई दिलचस्पी नही कि यह वापस मिले या न मिले। भारत में लोकतंत्र के स्वरुप और आवाज को बचाने के लिए वे लड़ते रहेंगे।
वपक्षी नेताओं का जताया आभार
सदस्यता रद किए जाने के बाद तमाम विपक्षी नेताओं के समर्थन के लिए उनका आभार जताते हुए कांग्रेस नेता ने सबके साथ मिलकर काम करने की बात भी कही। सदस्यता खत्म करने के परिणामों से जुड़े सवाल पर राहुल ने कहा कि विपक्ष को प्रधानमंत्री की घबराहट में की गई इस प्रतिक्रिया का विपक्ष को सबसे अधिक लाभ होग और उन्होंने हमें सबसे बड़ा हथियार सौंप दिया है। उनके अनुसार पीएम इससे भयभीत हैं कि अदाणी मुद्दे की सच्चाई सामने आ जाएगी और वे जानते जिसे वे बचा रहे हैं वह भ्रष्ट व्यक्ति है।
भाजपा पर साधा निशाना
राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि अदाणी पीएम के साथ अपने रिश्ते का दोहन कर रहे हैं। भाजपा पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि वे प्रधानमंत्री पर नहीं अदाणी पर सवाल पूछ रहे हैं मगर भाजपा अदाणी का बचाव कर रही है और ऐसा इसलिए कर रही कि भाजपा ही अदाणी है।
गांधी नहीं मांगते कभी माफी
मानहानि मुकदमे में माफी मांगने के सवाल पर राहुल ने कहा, "मेरा नाम सावरकर नहीं, गांधी है और गांधी कभी माफी नहीं मांगते।" मानहानि के मुकदमे के बारे में पूछे जाने पर राहुल ने कहा कि यह एक कानूनी मामला है इसलिए कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।