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राहुल गांधी ने नए तेवर और कलेवर के साथ की 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी

राहुल गांधी ने कांग्रेस नेताओं को यह जिम्मेदारी दी है कि वे यह सुनिश्चित करें कि भाजपा अकेले आर्थिक आरक्षण का श्रेय न बटोर सके।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 11:06 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 11:06 PM (IST)
राहुल गांधी ने नए तेवर और कलेवर के साथ की 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी
राहुल गांधी ने नए तेवर और कलेवर के साथ की 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए पार्टी की तैयारियों को रफ्तार देते हुए सभी राज्य इकाइयों को संगठन को तत्काल दुरुस्त करने का निर्देश दिया है। कुछ राज्यों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति कर अपने स्तर पर भी राहुल ने सूबे के संगठनों को नए तेवर और कलेवर देने की शुरुआत कर दी है। दिल्ली में शीला दीक्षित व हिमाचल प्रदेश में कुलदीप राठौर को पार्टी की कमान तथा छत्तीसगढ़ में सीएम भूपेश बघेल को प्रदेश चुनाव अभियान समिति की जिम्मेदारी सौंपकर राहुल ने चुनावी तैयारी में अब देर नहीं करने के संकेत दे दिए हैं।

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लोकसभा चुनाव को लेकर राज्य इकाइयों की रणनीति की समीक्षा के लिए राहुल गांधी ने सभी प्रदेशों के पार्टी अध्यक्षों की गुरुवार को बैठक बुलाई थी। दुबई की आधिकारिक यात्रा पर रवाना होने से एक दिन पहले राहुल ने प्रदेश अध्यक्षों से साफ कहा कि ब्लाक स्तर तक संगठन का ढांचा अगले एक हफ्ते में पूरी तरह गठित हो जाना चाहिए। मोदी सरकार के 2014 के चुनावी वादों की पूरी फेहरिस्त गिनाते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने कहा कि भाजपा की नाकामियों को गांव-गांव तक ले जाने के लिए संगठन को पूरी तरह सक्रिय करना होगा।

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्य प्रमुखों को केवल यही टास्क नहीं दिया, बल्कि ब्लॉक स्तर तक के पार्टी के तय कार्यक्रमों और आंदोलनों की पूरी रपट भी लगातार देते रहने के निर्देश दिए। कांग्रेस का मानना है कि किसानों की बदहाली और कर्जमाफी को जिस तरह राहुल गांधी ने भाजपा सरकार के लिए बड़ी सियासी चुनौती बना दी है, उसका दबाव बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्य इकाइयों पर है। इसी रणनीति के तहत कांग्रेस नेतृत्व ने सभी राज्य इकाइयों को निर्देश दिए कि वे किसान कर्जमाफी, एमएसपी बढ़ाने और खरीद प्रक्रिया की खामी आदि मुद्दों पर ब्लाक स्तर पर विरोध प्रदर्शन करें।

सूत्रों ने बताया कि बैठक में हाईकमान ने नेताओं से आर्थिक आधार पर 10 फीसद आरक्षण देने के सरकार के फैसले पर भी विमर्श किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आरक्षण के इस बिल का समर्थन किया है। इसीलिए, राज्यों के नेताओं की जिम्मेदारी है कि वे यह सुनिश्चित करें कि भाजपा अकेले इसका श्रेय न बटोर सके।


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