अध्यक्ष पद से इस्तीफे पर अडिग कांग्रेस में अपनी नई भावी भूमिका का संदेश दे रहे राहुल गांधी
अध्यक्ष पद से इस्तीफे की अपनी पेशकश पर अब तक अडिग राहुल गांधी ने नेताओं से मेल-मुलाकातों का दौर शुरू कर अपनी सियासी सक्रियता जारी रखने का साफ संकेत दे दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की अपनी पेशकश पर अब तक अडिग राहुल गांधी ने नेताओं से मेल-मुलाकातों का दौर शुरू कर अपनी सियासी सक्रियता जारी रखने का साफ संकेत दे दिया है। तमाम राज्यों के पार्टी नेताओं से बातचीत का सिलसिला शुरू कर राहुल ने पार्टीजनों को यह संदेश देना शुरू कर दिया है कि अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद भी कांग्रेस की राजनीतिक लड़ाई में उनकी सक्रिय भूमिका कम नहीं होगी।
नेताओं के साथ बैठकों का दौर शुरू
लोकसभा चुनाव की हार के मद्देनजर एक महीने पहले कार्यसमिति में इस्तीफे की पेशकश करने के बाद राहुल ने पार्टी नेताओं से मिलना-जुलना लगभग बंद कर दिया था। मगर बीते तीन चार दिनों से बतौर अध्यक्ष राज्यों के नेताओं के साथ बैठकों का दौर शुरू किया है। दो दिन पहले छत्तीसगढ के कांग्रेस नेताओं के साथ उनकी बैठक हुई थी।
हरियाणा और दिल्ली के पार्टी नेताओं से राहुल की मुलाकात
केरल के नेता भी इस दौरान उनसे मिले। अब 27 जून को हरियाणा तो 28 जून को दिल्ली के पार्टी नेताओं के साथ उनकी बैठक प्रस्तावित है। हरियाणा और दिल्ली के पार्टी नेताओं से राहुल की मुलाकात अहम है, क्योंकि इन दोनों सूबों में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। साथ ही हरियाणा में पार्टी के अंदर जबरदस्त अंदरूनी उठापटक चल रही है।
चुनौतियों के बीच राहुल के इस्तीफे ने कांग्रेस के भीतर मचाई खलबली
लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी के समक्ष खड़ी चुनौतियों के पहाड़ के बीच राहुल के इस्तीफे ने कांग्रेस के भीतर जबदस्त खलबली मचा रखी है। पार्टी की राजनीतिक चुनौतियों को देखते हुए कांग्रेस के तमाम नेता राहुल पर अध्यक्ष पद नहीं छोड़ने का दबाव डाल रहे हैं। जबकि राहुल वरिष्ठ नेताओं को साफ कह चुके हैं कि पार्टी को नये अध्यक्ष का विकल्प जल्द से जल्द तलाश लेना चाहिए।
मौजूदा हालात में कांग्रेस के पास राहुल का कोई विकल्प नहीं
मगर अब भी कांग्रेस नेताओं का बड़ा वर्ग सोनिया गांधी के जरिये राहुल पर फैसला बदलने के लिए दबाब बनाने से गुरेज नहीं कर रहा। इन नेताओं का तर्क है कि मौजूदा हालात में कांग्रेस के पास राहुल गांधी का कोई विकल्प नहीं है और उनके अध्यक्ष पद छोड़ने से पार्टी की चुनौती और भी ज्यादा बढ़ जाएगी। ऐसे में सूबे के नेताओं से मुलाकात कर राहुल पार्टी नेताओं के इस भय को दूर करने का भी संदेश देना चाहते हैं कि अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद भी कांग्रेस की जमीनी सियासत को दुरूस्त करने में उनकी भूमिका कम नहीं रहेगी।
राहुल पर इस्तीफे की पेशकश वापस लेने का दबाव
बहरहाल राहुल गांधी अध्यक्ष पद से इतर भावी भूमिका का संदेश भले दें मगर पार्टी के भीतर अब भी उन पर इस्तीफे की पेशकश वापस लेने का दबाव बना हुआ है। युवा कांग्रेस के अध्यक्ष केशव चंद्र यादव की अगुआई में पार्टी की युवा इकाई मंगलवार को राहुल गांधी के निवास तुगलक लेन के सामने इकठ्ठा होकर उनसे कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहने की खुली अपील करेगी। वरिष्ठ नेताओं के साथ युवा कांग्रेस की इस पहल से साफ है कि पार्टी ने राहुल पर फैसला बदलने का दबाव डालने की अपनी मुहिम अभी छोड़ी नहीं हैं।
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