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कोरोना की मौतों राजनीति कर रहे हैं राहुल गांधी; भाजपा ने साधा निशाना, WHO के आंकड़ों को खारिज कर चुका है भारत

भारतीय जनता पार्टी ने कोरोना के कारण हुई मौतों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े को सही ठहराने पर राहुल गांधी पर करारा हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों को गलत बताया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 06 May 2022 07:46 PM (IST)Updated: Fri, 06 May 2022 07:46 PM (IST)
कोरोना की मौतों राजनीति कर रहे हैं राहुल गांधी; भाजपा ने साधा निशाना, WHO के आंकड़ों को खारिज कर चुका है भारत
भाजपा ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है। (File Photo)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना के कारण हुई मौतों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े को सही ठहराने को लेकर भाजपा ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के डाटा और कांग्रेस के 'बेटा' दोनों को गलत बताया। पात्रा ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना से हुई मौत का आंकड़ा निकालने को जो तरीका अपनाया है, वह पूरी तरह से त्रुटिपूर्ण और भ्रामक है और भारत सरकार पहले ही इस पर आपत्ति जता चुकी है।

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दरअसल राहुल गांधी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े सही ठहराते हुए ट्वीट कर कहा था कि विज्ञान कभी झूठ नहीं बोलता है, पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बोलते हैं। संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी शुरू से ही झूठ के सहारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला करते आए हैं और ये उनकी पुरानी आदत है। उनके अनुसार दुनिया जानती है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अन्य देशों से बेहतर स्थिति में रहा।

पूरी दुनिया में कोरोना के बेहतर प्रबंधन के लिए मोदी सरकार की प्रशंसा हो रही है लेकिन राहुल गांधी कोरोना संकट के दौरान लगातार लोगों का मनोबल गिराने में लगे रहे। भाजपा प्रवक्ता ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े को त्रूटिपूर्ण और भ्रामक बताते हुए कहा कि इसके लिए जिस गणितीय प्रारूप (मैथेमैटिकल माडल) का सहारा लिया गया है, उसमें खुद कई खामियां है।

इसे खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन भी स्वीकार करता है। उनके अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन नें 17 राज्यों में मीडिया में छपी खबरों को अनुमान का आधार बनाया है। पात्रा ने कहा कि भारत में जन्म और मौत के आंकड़े दर्ज करने की पुरानी और पु्ख्ता प्रणाली है और सिर्फ अनुमान के आधार पर इसे खारिज नहीं किया जा सकता है। इसी तरह से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को द्वितीय श्रेणी के देशों में शामिल कर अनुमानित आंकड़ों की गणना कर रहा है। लेकिन भारत को दूसरी श्रेणी के देशों में शामिल करने का कोई वैज्ञानिक आधार उसके पास नहीं है।  


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