राहुल का सरकार पर वार, कहा- कम राफेल खरीदकर पायलटों की जिंदगी दांव पर लगाई
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अब राफेल विमान भारत में नहीं बनेंगे बल्कि फ्रांस से ही बनकर आएंगे और उसमें भी कई साल का वक्त लगेगा।]
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी किसी न किसी बहाने राफेल जेट सौदे के मुद्दे को ठंडा नहीं पड़ने देना चाहते। इसी रणनीति के तहत उन्होंने 126 की जगह केवल 36 राफेल विमान खरीदने के एनडीए सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इसकी वजह से वायुसेना को लंबे समय तक पुराने विमानों से ही काम चलाना पडे़गा। कांग्रेस अध्यक्ष के मुताबिक पुराने विमानों पर यह निर्भरता वायुसेना के हमारे पायलटों की जिंदगी को दांव पर लगाती है।
राफेल मुद्दे को ठंडा नहीं पड़ने देना चाहते कांग्रेस अध्यक्ष
राहुल गांधी ने राफेल को लेकर सरकार पर अपना यह वार फेसबुक पोस्ट के जरिये किया। उन्होंने कहा कि 2014 से एनडीए सरकार पुराने सौदों को सिरे चढ़ाने के बजाय अपने मित्र उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए नये सिरे से समझौता कर रही है और राफेल इसका नमूना है।
अंबानी को फायदा पहुंचाने के आरोपों को दुहराया
राहुल ने कहा कि यूपीए सरकार ने 126 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा किया ताकि जगुआर जैसे पुराने विमानों की जगह आधुनिक जेट लाकर भारतीय वायुसेना की कायापलट की जा सके। राफेल के इस सौदे में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी शामिल था और एचएएल के सहारे हम इस मामले में भविष्य में अधिक आत्मनिर्भर हो सकें। मगर इस सौदे को आगे बढ़ाने की बजाय अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए केवल 36 विमान खरीद का नया सौदा हुआ।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अब राफेल विमान भारत में नहीं बनेंगे बल्कि फ्रांस से ही बनकर आएंगे और उसमें भी कई साल का वक्त लगेगा। इसका नतीजा यह होगा कि हमारे वायुसेना के पायलटों को अपनी जान जोखिम में डाल जगुआर जैसे पुराने विमान ही उड़ाने होंगे और इसके लिए भी कबाड़ में पड़े कल-पुर्जे मंगाने की जरूरत पड़ सकती है।
राहुल ने कहा कि यह शर्मनाक स्थिति है और विश्व में भारत की प्रतिष्ठा कम करता है। साथ ही हमारे पायलटों की जिंदगी भी खतरे में डालता है।