चचेरे भाई के भाजपा में शामिल होने पर भड़के राहुल, कहा- भाजपा कर रही खरीद-फरोख्त की सियासत
आज 10 दिन से ज्यादा हो गए पर विभाग नहीं बंट पाए तो जो संघर्ष सिंधिया यहां कर रहे थे वही संघर्ष वहां कर रहे हैं। संघर्ष की लड़ाई सभी जगह होती है।
दमोह, राज्य ब्यूरो। अपने चचेरे भाई छतरपुर जिले की मलहरा (बंडा) सीट से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह के भाजपा में शामिल होने पर दमोह विधायक राहुल सिंह ने कहा कि भाजपा खरीद-फरोख्त की राजनीति कर रही है, इसका जनता जवाब देगी। उन्हें भी समझ नहीं आया कि प्रद्युम्न कैसे चले गए। अब जब उनसे मुलाकात होगी तो सच्चाई जानने का प्रयास करेंगे।
राहुल सिंह ने कहा- मेरा कांग्रेस छोड़ने का सवाल ही नहीं
प्रद्युम्न, उमा भारती के संपर्क में पहले से थे। विधायक राहुल सिंह ने कहा, 'मेरे कांग्रेस से जाने का तो सवाल ही नहीं उठता। मेरे पास पहले भी कई बार ऑफर आया है, लेकिन मैं नहीं गया। कांग्रेस मुझे राजनीति में लाई है, इसलिए मैं कांग्रेस के साथ हूं। ज्योतिरादित्य सिधिंया जब कांग्रेस में थे, तो लोग कहते थे, उनकी नहीं सुनी गई, इसलिए वे भाजपा में चले गए।
संघर्ष की लड़ाई सभी जगह, जो संघर्ष सिंधिया कांग्रेस में कर रहे थे, वही संघर्ष भाजपा मेंं कर रहे हैं
आज 10 दिन से ज्यादा हो गए पर विभाग नहीं बंट पाए, तो जो संघर्ष सिंधिया यहां कर रहे थे, वही संघर्ष वहां कर रहे हैं। संघर्ष की लड़ाई सभी जगह होती है। असली राजनेता वह है जो इन समस्याओं से लड़ता रहे और जनता की सेवा करता रहे, इसलिए उनके सामने कैसी भी परिस्थिति आ जाए, वे कांग्रेस का साथ नहीं छोड़ेंगे और बंडा विधायक तरवर सिंह भी कांग्रेस में ही रहेंगे।'
प्रद्युम्न के साथ कांग्रेस छोड़ने की चर्चा थी
कमल नाथ सरकार के सत्ता में रहते हुए छह मार्च को प्रद्युम्न सिंह के साथ दमोह विधायक राहुल सिंह को लेकर भी खबर उड़ी थी कि दोनों भाजपा में शामिल हो रहे हैं। तब राहुल सिंह ने एक प्रेसवार्ता की थी, जिसमें प्रद्युम्न सिंह को भी बुलाया था। दोनों ने एक सुर में कांग्रेस के साथ रहने का वादा किया था। प्रद्युम्न ने अपने भाजपा में शामिल होने की खबर को अफवाह बताते हुए कहा था कि ऐसे आरोप तो बनते हैं, क्योंकि ये खबरें मसालेदार होती हैं।
प्रद्युम्न ने कांग्रेस की तारीफ करते हुए कहा था कि कहां मिलेगी ऐसी सरकार
उन्होंने कांग्रेस की तारीफ करते हुए कहा था कि कहां मिलेगी ऐसी सरकार, आपकी जितनी क्षमता है उतने काम करा लो, कोई मना नहीं करता। सीटी बजाते ही कलेक्टर का ट्रांसफर हो जाता है। इससे ज्यादा और क्या चाहिए।