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राफेल मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस-भाजपा दोनों तैयार, सदन की कार्यवाही कल तक स्थगित

राफेल सौदे पर चल रही सियासी तकरार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद और बढ़ गई है। दोनों पक्ष जोर अजमाइश में लगे हैं।

By Vikas JangraEdited By: Published: Tue, 18 Dec 2018 09:58 AM (IST)Updated: Tue, 18 Dec 2018 12:22 PM (IST)
राफेल मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस-भाजपा दोनों तैयार, सदन की कार्यवाही कल तक स्थगित
राफेल मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस-भाजपा दोनों तैयार, सदन की कार्यवाही कल तक स्थगित

नई दिल्ली, एजेंसी। राफेल सौदे पर चल रही सियासी तकरार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद और बढ़ गई है। सदन में भाजपा ने राफेल और 1984 के दंगों को लेकर हंगामा जारी रहा। कांग्रेस जेपीसी की मांग कर रही थी, वहीं भाजपा का कहना है कि वे मुद्दे पर पहले चर्चा करना चाहते हैं। दोनों ओर से हंगामा बढ़ता देख लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया है।

जेपीसी की मांग पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस से कहा कि इसकी गारंटी नहीं दे सकती लेकिन चर्चा करवा सकती हैं। इस पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चर्चा को लेकर सहमति जताई है। वहीं, भाजपा की ओर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार भी चर्चा के लिए तैयार है। 

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संसद के बाहर चल रही बयानबाजी के अलावा अब मामले में लोकसभा में भी 'लड़ाई' की अगली तैयारी है। इसी क्रम में भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तो कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।  इन नोटिसों पर फैसला तो स्पीकर सुमित्रा महाजन को लेना है लेकिन दोनों पक्ष जोर अजमाइश तो करेंगे ही। स्पीकर यदि नोटिस स्वीकार करती हैं तो अगली कार्रवाई के लिए उसे विशेषाधिकार कमेटी के पास भेजा जाएगा।

भाजपा के तीन सांसदों, अनुराग ठाकुर, निशिकांत दुबे तथा संजय जैस्वाल ने मानसून सत्र में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण के संदर्भ में यह नोटिस दिया है। राहुल पर राफेल सौदे को लेकर सदन में 'झूठ बोलने' तथा 'सदन को गुमराह' करने का आरोप लगाया गया है।

भाजपा सांसदों ने अपने नोटिस में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण के उस अंश का हवाला दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि संप्रग सरकार 520 करोड़ रुपये प्रति राफेल विमान खरीदने पर सहमत हुई थी लेकिन भाजपा नीत राजग सरकार ने 'मैजिक' से उसकी कीमत बढ़ाकर 1600 करोड़ रुपये प्रति विमान के सौदे पर दस्तखत किया है। उन्होंने आरोप लगाया है- 'उक्त बयान पूरी तरह असत्य है.. हम जोर देकर कहते हैं कि राहुल गांधी द्वारा की गई कीमतों की तुलना काल्पनिक, गलत तथा झूठ है। यह सदन को गुमराह करने की कोशिश थी।'

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला देते हुए कहा है कि सरकार ने कीमतों के बारे में सीलबंद लिफाफे में तुलनात्मक चार्ट भी पेश किया था। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस ने सोमवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषषाधिकार हनन का नोटिस दिया। पार्टी ने राज्यसभा में भी विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। पार्टी ने सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि उसने राफेल सौदे के बारे में सुप्रीम कोर्ट में 'गलत' जानकारी क्यों दी।

लोकसभा में शून्यकाल के दौरान स्पीकर सुमित्रा महाजन ने बताया कि उन्हें विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव का नोटिस मिला है और यह उनके विचाराधीन है। नोटिस में कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने कहा है कि यह नोटिस राफेल डील के बारे में सुप्रीम कोर्ट तथा संसद को कथित तौर पर गुमराह करने के लिए प्रधानमंत्री के खिलाफ पेश किया गया है। मालूम हो कि रविवार को कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था कि वह राफेल मामले में अपना फैसला वापस लेकर केंद्र सरकार को अदालत की अवमानना और झूठा साक्ष्य देने के बाबत नोटिस जारी करे।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि राफेल सौदे में 'संदेह का कोई आधार नहीं है।' कोर्ट ने मामले में कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। लेकिन कांग्रेस तथा राहुल गांधी अभी भी इस मामले को लेकर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर हैं। भाजपा ने भी पलटवार में विभिन्न शहरों अपने वरिष्ठ नेताओं को उतार कर स्थिति स्पष्ट करने की रणनीति अपनाई है।


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