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Rafale Deal: सौदा करने वाली टीम के चेयरमैन ने कहा- नहीं थी किसी की असहमति

राफेल सौदे की बातचीत करने वाली टीम (Indian Negotiating Team) के चेयरमैन आरकेएस भदोरिया ने कहा है कि अनुबंध में कोई असहमित नहीं थी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 02:45 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 08:09 PM (IST)
Rafale Deal: सौदा करने वाली टीम के चेयरमैन ने कहा- नहीं थी किसी की असहमति
Rafale Deal: सौदा करने वाली टीम के चेयरमैन ने कहा- नहीं थी किसी की असहमति

नई दिल्ली, एएनआइ। राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर सियासी बयानबाजी के बीच एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया (Air Marshal RKS Bhadauria) ने उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि अनुबंध में असहमति थी। राफेल सौदे की बातचीत करने वाली टीम (Indian Negotiating Team) के चेयरमैन आरकेएस भदोरिया ने कहा है कि अनुबंध में कोई असहमति नहीं थी। भदोरिया का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि अभी हाल में ही एक अंग्रेजी अखबार ने दावा किया था कि सौदे के दौरान रक्षा मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने आपत्ति जताई थी।

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आरकेएस भदौरिया ने कहा कि राफेल सौदे में वार्ता करने वाली टीम में कोई असंतोष नहीं था। उन्होंने कहा कि विचार-विमर्श के बाद ही सौदे को अंतिम रूप दिया गया था। भदौरिया ने बताया कि टीम के सभी सदस्यों की टिप्पणियों को INT रिपोर्ट में उपयुक्त रूप से शामिल किया गया था। यह कोई असहमति नोट नहीं था।

इससे पहले भारतीय वायुसेना ने मंगलवार को एक बार फिर राफेल सौदे के बारे में कहा था कि रूस के साथ एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली के सौदे में भी संप्रभुता की गारंटी नहीं थी। वायुसेना के उप प्रमुख अनिल खोसला ने कहा कि अमेरिका और रूस जैसे देशों के साथ अंतर सरकारी समझौतों की प्रक्रिया पहले ही सुव्यवस्थित और विकसित हो चुकी है। ऐसे में खरीद में संप्रभुता का गारंटी नहीं होती है। एस-400 के मामले में भी यही हुआ।

उनके अनुसार दुनिया में अन्य देशों के साथ अंतर सरकारी समझौते शायद पहली बार हुए हैं या फिर अभी शुरू ही हुए हैं। परोक्ष रूप से उनका साफ संकेत था कि संप्रुभता की गारंटी अनिवार्य शर्त नहीं है। अगर दो देशों के बीच भरोसा बढ़ता है तो इसे हटाया जा सकता है और हटाया जाता रहा है। 

उधर, राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी के नए आरोपों पर रिलायंस ने सफाई दी है। रिलायंस डिफेंस ने उस कथित ईमेल का खंडन किया है, जिसे लेकर राहुल गांधी ने नया हमला किया है। रिलायंस डिफेंस के प्रवक्ता ने कहा कि वह ईमेल एयरबस और रिलायंस डिफेंस के बीच सहयोग को लेकर था। रिलायंस डिफेंस ने कहा कि उक्त ईमेल का भारत सरकार और फ्रांस के बीच हुए 36 राफेल एयरक्राफ्ट की डील से कोई कनेक्शन नहीं है।

गौरतलब है कि राफेल रक्षा सौदों को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार पर लगातार हमला कर रही है। अंग्रेजी अखबार द हिंदू की रिपोर्ट के हवाले से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार पर इस राफेल सौदे में घोटाले का आरोप लगा रहे हैं और अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने की भी बात कर रहे हैं। हालांकि, भाजपा का कहना है कि इस रक्षा सौदे में कोई घोटाला नहीं हुआ है, इसकी तस्‍दीक सुप्रीम कोर्ट भी कर चुकी है।
 


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