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राफेल सौदाः भाजपा बोली- मोदी सरकार आने से पहले हो गया था रिलायंस और दासौ में समझौता

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में भ्रष्टाचार बिल्कुल बंद है, इसीलिए राहुल को तकलीफ हो रही होगी। प्रसाद ने कहा कि राहुल का पूरा परिवार घोटालों में घिरा रहा है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Sat, 22 Sep 2018 05:24 PM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 07:20 AM (IST)
राफेल सौदाः भाजपा बोली- मोदी सरकार आने से पहले हो गया था रिलायंस और दासौ में समझौता
राफेल सौदाः भाजपा बोली- मोदी सरकार आने से पहले हो गया था रिलायंस और दासौ में समझौता

नई दिल्ली [जेएनएन]। राफेल सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राहुल गांधी के हमले पर भाजपा और सरकार ने तीखा पलटवार किया है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोपों को बेबुनियाद, स्तरहीन और शर्मनाक बताते हुए राहुल पर चीन और पाकिस्तान के हाथों में खेलने का आरोप लगाया। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसवा होलांद के भारत द्वारा सिर्फ रिलायंस का विकल्प दिए जाने के बयान को खारिज करते हुए उन्होंने फ्रांस सरकार और राफेल बनाने वाली दासौ एविएशन के आधिकारिक बयान का हवाला दिया। 

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रविशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ राहुल के आरोपों पर भारत क्या दुनिया में कोई भरोसा नहीं करता है। वह खुद भ्रष्टाचार और जमीन की लूट के नेशनल हेराल्ड मामले में अपनी मां के साथ आरोपित हैं। राहुल गांधी वही व्यक्ति हैं, जो अपने बहनोई राबर्ट वाड्रा द्वारा जमीन लूटने पर खामोश रहते हैं। बोफोर्स घोटाले के सरगना क्वात्रोची को मामा कहते हैं। क्वात्रोची के खिलाफ जांच एजेंसियों को अपील नहीं करने दी गई और संप्रग सरकार के दौरान बैंक एकाउंट डी-सील कराया गया। ऐसे व्यक्ति ने प्रधानमंत्री के खिलाफ ओछा आरोप लगाकर खुद अपने ऊपर कालिख लगाने का काम किया है। 

रविशंकर ने कहा कि उनका पूरा परिवार 2जी और कोयला घोटाले में लिप्त रहा है। कोयला घोटाले में कहां से पर्ची कटती थी, सब जानते हैं। गांधी परिवार को देश में भ्रष्टाचार की जननी बताते हुए उन्होंने कहा कि देश में अधिकतर दलालों को इसी परिवार का संरक्षण था। मोदी सरकार आने के बाद चोरों और दलालों के दरवाजे बंद हो गए हैं। इसीलिए परेशानी हो रही है।

रविशंकर ने कहा कि 28 अगस्त, 2007 को संप्रग-एक सरकार ने आरएसपी जारी किया, जिसके दो कंपनियों के ऑफर आए। जनवरी 2012 में यूपीए-दो ने राफेल को एल-1 पाया। लेकिन छह महीने बाद ही 27 जुलाई, 2012 को राफेल को फिर से कीमतों पर सौदेबाजी करने के लिए कहा गया, जिसे दासौ ने मना कर दिया। 

केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि सौदे के लिए दासौ कंपनी से रिश्वत मांगी गई थी। नहीं मिलने पर सौदे को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। संप्रग की तुलना में मोदी सरकार में राफेल सौदे के सस्ता होने का जिक्र करते हुए रविशंकर ने राहुल पर दुश्मन देशों के हाथों में खेलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राफेल में लगे उपकरणों और हथियारों का ब्योरा बाहर आने से सीधे पर चीन और पाकिस्तान को फायदा होगा। राहुल गांधी यही चाहते हैं। राफेल सौदे में रिलायंस कंपनी को लाभ पहुंचाने के राहुल गांधी के आरोपों का भी रविशंकर प्रसाद ने बिंदुवार जवाब दिया। 

 

एक अखबार में छपी रिपोर्ट को सुबूत के तौर पर पेश करते हुए उन्होंने कहा कि एल-1 आने के बाद ही दासौ ने भारत में पार्टनर ढूंढना शुरू कर दिया था। 2012 के शुरू में ही संप्रग के समय रिलायंस के साथ समझौते की सहमति भी बन गई थी। इसके लगभग ढाई साल बाद सत्ता में आने वाली मोदी सरकार पर आरोप लगाना बचकानी हरकत है।

रविशंकर प्रसाद ने फ्रांस सरकार और दासौ एविएशन के आधिकारिक बयान का हवाला देते हुए कहा कि रिलायंस के साथ समझौता दासौ का अपना फैसला था। इसका भारत और फ्रांस की सरकारों से कोई लेना-देना नहीं है। दासौ ने साफ कर दिया कि भारत में राफेल बनाने के लिए वह सिर्फ रिलायंस के साथ नहीं, बल्कि महिंद्रा समेत चार-पांच कंपनियों के साथ समझौता कर चुका है। लगभग 100 भारतीय कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। रविशंकर ने कहा कि इससे भारत में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर बनेंगे। 

यूपीए सरकार से कम कीमत में खरीदा है विमान
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मोदी सरकार ने जो विमान खरीदा है, वह यूपीए से कम कीमत पर खरीदा है। प्रसाद ने कहा कि साधारण विमान की कीमत 9 फीसदी कम और हथियार युक्त विमान की कीमत 20 फीसदी कम है। 


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