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सीवीसी नियुक्ति को गलत ठहरा रही कांग्रेस के तर्को पर सवाल, अधीर रंजन ने जताई थी आपत्ति

सूत्रों का कहना है कि यह फाइल कोठारी के पास गई ही नहीं थी। वहीं अधीर रंजन जिसे संवैधानिक पद बता रहे हैं वह गैर संवैधानिक पद है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 07:28 PM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 07:33 PM (IST)
सीवीसी नियुक्ति को गलत ठहरा रही कांग्रेस के तर्को पर सवाल, अधीर रंजन ने जताई थी आपत्ति
सीवीसी नियुक्ति को गलत ठहरा रही कांग्रेस के तर्को पर सवाल, अधीर रंजन ने जताई थी आपत्ति

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। नए सीवीसी के रूप में राष्ट्रपति के सचिव संजय कोठारी की नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा है। अभी तक सीवीसी के रूप में कार्यभार न लेने के कारण कांग्रेस उत्साहित भी महसूस कर रही होगी। लेकिन सूत्रों की मानी जाए तो कांग्रेस गलत सूचना के तर्को पर खड़ी है। कांग्रेस के आरोपों के उलट संजय कोठारी के नाम की अनुशंसा की फाइल खुद कोठारी ने देखी ही नहीं थी, बल्कि सरकारी नियम कायदे और परंपरा के अनुसार यह फाइल राष्ट्रपति सचिवालय के संयुक्त सचिव के पास थी। सरकार में ऐसा प्रावधान है कि अगर शीर्ष स्तर पर किसी से संबंधित कोई फाइल चलती है तो उनके नीचे के अधिकारी उन्हें देखते हैं।

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पिछले महीने अधीर रंजन ने जताई थी आपत्ति

गौरतलब है कि पिछले महीने ही कोठारी के सीवीसी के रूप में नियुक्ति को लेकर नियुक्ति समिति के सदस्य अधीर रंजन ने आपत्ति जताई थी। उन्होंने इसका विरोध किया था और बाद में आरोप लगाया था कि कोठारी ने खुद ही अपने नाम की अनुशंसा की जो हितों का टकराव है। एक संवैधानिक पद पर इस तरह नियुक्ति के गंभीर परिणाम होंगे। लिहाजा इस नियुक्ति को खारिज किया जाए।

नियुक्ति 2:1 के बहुमत से लिया गया फैसला

पर सूत्रों का कहना है कि यह फाइल कोठारी के पास गई ही नहीं थी। वहीं अधीर रंजन जिसे संवैधानिक पद बता रहे हैं वह गैर संवैधानिक पद है। यह कानून से बना हुआ पद है। तीसरी बात यह कि नियुक्ति 2:1 के बहुमत के फैसले से हुआ है। ऐसे मे अधीर रंजन चूक रहे हैं। बताते हैं कि बहुत जल्द नए सीवीसी पदभार भी ले लेंगे। बताया जा रहा है कि उन्हें सिर्फ इसलिए रोक कर रखा गया है ताकि राष्ट्रपति सचिवालय को उनके स्थान पर कोई सचिव मिल जाए।


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