पंजाब के सीएम चन्नी पहुंचे मां बगलामुखी के दर, देर रात तक चला हवन यज्ञ
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी शनिवार देर सायं बगलामुखी मंदिर पहुंचे। यहां पर उन्होंने पत्नी डाक्टर कमलजीत कौर बेटे व बहू के साथ माता बगलामुखी के दर्शन किए। वह देर रात तक विशेष पूजा में शामिल रहे। देर रात तक मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन चलता रहा।
गगल/देहरा, जागरण टीम। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी शनिवार देर सायं बगलामुखी मंदिर पहुंचे। यहां पर उन्होंने पत्नी डाक्टर कमलजीत कौर, बेटे व बहू के साथ माता बगलामुखी के दर्शन किए। वह देर रात तक विशेष पूजा में शामिल रहे। देर रात तक मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन चलता रहा। इसमें उनके परिवार के लोग ही शामिल रहे। इस दौरान मंदिर के आसपास सुरक्षा बलों का विशेष पहरा रहा। पूजा के बाद चन्नी रविवार सुबह पंजाब के लिए रवाना होंगे। इस दौरान नूरपूर से पूर्व विधायक अजय महाजन, ज्वालामुखी से पूर्व विधायक संजय रतन, एनएसयूआइ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष केवल सिंह पठानिया, दून के कांग्रेस नेता चौधरी राम कुमार सहित कई नेता उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री बनने से पहले बतौर विधायक व मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी बगलामुखी मंदिर में आते रहे हैैं। मंदिर के महंत रजित गिरी व आचार्य दिनेश रतन ने बताया कि चन्नी ने प्रदेश की सुख शांति व समृद्धि के लिए विशेष पूजा पाठ किया। उन्होंने अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के लिए भी मां से प्रार्थना की है।
इससे पहले चरणजीत सिंह चन्नी गगल स्थित कांगड़ा हवाई अड्डे पर पहुंचे। यहां पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष अजय महाजन, प्रदेश कांग्रेस महासचिव केवल सिंह पठानिया आदि ने उनका स्वागत किया गया। हवाई अड्डे पर उन्हें गार्ड आफ आनर भी दिया गया। बगलामुखी मंदिर जाने से पहले वह झियोल स्थित अमोहा रिट्रीट में परिवार के सदस्यों के साथ पहुंचे और यहां की वादियों को निहारा।
चन्नी को मुख्यमंत्री देखने के लिए करवाए थे नौ हवन
राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की खातिर कभी ज्योतिष तो कभी मंदिरों में विशेष पूजा पाठ व हवन यज्ञ के लिए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का नाम लंबे समय से चर्चा में रहा है। शनिवार को वह फिर दिल्ली से बगलामुखी मंदिर पहुंचे और राजनीतिक पारी की मजबूती के लिए विशेष पूजा व हवन यज्ञ किया। जब भी उन्होंने हवन यज्ञ व पूजा पाठ किया, उनकी हर कामना पूरी हुई। वल्लुुमाजरा से सुक्खा चन्नी ने दैनिक जागरण को बताया कि उन्होंने चन्नी को मुख्यमंत्री देखने के लिए नौ हवन यज्ञ करवाए थे। मुख्यमंत्री बनने पर उन्होंने कहा था कि समय मिलते ही माता के चरणों में शीश नवाने जाएंगे।