किरण बेदी का नारायणसामी को जवाब, बोलीं- उपराज्यपाल का काम सीएम को खुश करना नहीं
पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने मुख्यमंत्री वी नारायणसामी द्वारा की गई उनकी आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि उपराज्यपाल का काम सीएम को खुश करना नहीं है।
पुडुचेरी, पीटीआइ। पुडुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने मुख्यमंत्री वी नारायणसामी द्वारा की गई उनकी आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि उपराज्यपाल का काम सीएम को खुश करना नहीं है। गौरतलब है कि नारायणसामी ने कहा था कि उपराज्यपाल किरण बेदी अधिकार से आगे बढ़कर काम कर रही हैं। इसके बाद ही किरण बेदी ने एक नारायणसामी को जवाब दिया है।
देश की पहली महिला आइपीएस अधिकारी बेदी और नारायणसामी आमतौर पर प्रशासनिक मुद्दे को लेकर एक दूसरे की आलोचना करते दिखाई देते हैं। बेदी ने इस दौरान कहा कि दुर्भाग्य से सीएम उपराज्यपाल के तौर पर केवल एक रबर स्टैंप चाहते हैं। उन्हें कोई सोचने या योगदान देने वाला उपराज्यपाल नहीं चाहिए।
लोगों को गलत जानकारी दे रहे हैं नारायणसामी
मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए आगे बेदी ने कहा कि वह लगातार लोगों को गलत जानकारी दे रहे हैं और उपराज्यपाल कार्यालय को भी इसमें उलझाने की कोशिश करते हैं। हालांकि, वह अब-तक इसमें सफल नहीं हुए हैं।
राजनिवास के नियंत्रक पर चिल्लाए नारायणसामी
नारायणसामी, गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज निवास में आयोजित जलपान कार्यक्रम बीच में छोड़कर चले गए थे। उन्होंने इसे लेकर आरोप लगाते हुए कहा कि किरण बेदी ने परम्पराओं और रिवाजों को तोड़ा। इसे लेकर बेदी ने कहा कि समारोह के दौरान सीएम खुद की शर्मनाक व्यवहार को छुपाने के लिए ऐसा कह रहे हैं। वह खुद राजनिवास के नियंत्रक पर चिल्लाए। उन्हें नियंत्रक आशा गुप्ता से माफी मांगनी चाहिए। आशा ने उनसे पद्म पुरस्कार से सम्मानित लोगों को शॉल भेंट करने का आग्रह किया तो वे उसपर चिल्लाए। मेरे अलावा कई लोग इसके गवाह हैं।
उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री पर अन्नाद्रमुक ने निशाना साधा
इस बीच, विपक्षी अन्नाद्रमुक ने उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री पर लोगों की परेशानी को अनदेखी करने और खुद को आरोप-प्रत्यारोप में उलझाने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा है कि इससे केंद्रशासित प्रदेश की छवि को धूमिल हुई है। अन्नाद्रमुक के एक नेता ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में कानून और व्यवस्था की हालत काफी खराब है। 100 साल पुरानी एएफटी मिल को बंद करने के कदम के बाद मजदूर बेचैन हैं, लेकिन इस समस्या से निजात दिलाने के बजाए उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री एक दूसरे पर निशाना साधने में लगे हैं।