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SC-ST एक्ट के विरोध में मप्र में जोर पकड़ रहा सवर्णों का आंदोलन, कांग्रेस खुश, भाजपा चिंतित

सामान्य वर्ग एवं अनुसूचित जाति-जनजाति के बीच पदोन्न्ति में आरक्षण से शुरू हुआ यह विवाद अब सड़क पर आ गया है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 07:14 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 07:19 PM (IST)
SC-ST एक्ट के विरोध में मप्र में जोर पकड़ रहा सवर्णों का आंदोलन, कांग्रेस खुश, भाजपा चिंतित
SC-ST एक्ट के विरोध में मप्र में जोर पकड़ रहा सवर्णों का आंदोलन, कांग्रेस खुश, भाजपा चिंतित

भोपाल, नईदुनिया स्टेट ब्यूरो। मध्य प्रदेश में सवर्णों का आंदोलन जोर पकड़ रहा है। एससी-एसटी के विरोध में जिस तरह से पिछले दिनों उज्जैन में करणी सेना ने ढाई-तीन लाख लोगों की भीड़ जुटाई है, उससे विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मप्र में सियासी माहौल गरमा गया है। सामान्य वर्ग एवं अनुसूचित जाति-जनजाति के बीच पदोन्न्ति में आरक्षण से शुरू हुआ यह विवाद अब सड़क पर आ गया है। करणी सेना के आंदोलन से भाजपा की चिंता बढ़ रही है, वहीं कांग्रेस खुश हो रही है।

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भाजपा से बढ़ रही नाराजगी
सामान्य, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समाज संस्था (सपाक्स) ने 6 सितंबर के बंद की सफलता से उत्साहित होकर चुनाव मैदान में उतरने का एलान भी कर दिया है। इससे भारतीय जनता पार्टी और राज्य सरकार दोनों की चिंता बढ़ गई है। पार्टी नेताओं का मानना है कि अब तक सवर्ण उनका वोट बैंक रहा है, यह नाराजगी पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है। 

अजा-जजा असमंजस में
अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग भी असमंजस में है। एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन कर भाजपा ने उन्हें जता दिया कि उनकी सबसे हितैषी पार्टी भाजपा ही है। आदिवासियों पर जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन 'जयस" का भी प्रभाव बढ़ता जा रहा है। यह संगठन भी चुनाव लड़ने को तैयार है। अजा-जजा की प्रदेश में 82 सीटें (अजा-35, अजजा-47) हैं, जिससे संभावना भी बन रही है कि विधानसभा चुनाव में ये हालात नए समीकरण बना सकते हैं।

स्थापना दिवस पर करणी सेना चित्तौड़ में तय करेगी रणनीति
श्री राजपूत करणी सेना के मप्र संयोजक रघुवीर सिंह बघेल ने नईदुनिया से कहा कि एससी-एसटी एक्ट और आरक्षण की समीक्षा को लेकर करणी सेना 23 सितंबर को चित्तौड़ में रणनीति तय करेगी। बघेल के मुताबिक विधानसभा चुनाव में हम उसी दल को सपोर्ट करेंगे, जो आरक्षण की समीक्षा करने की बात करेगा। उन्होंने कहा कि हमारे आंदोलन के पीछे किसी भी तरह के राजनीतिक षड्यंत्र का सवाल ही नहीं है। एससी-एसटी एक्ट में गलत शिकायतें होती हैं। हम सुप्रीम कोर्ट की भावना के अनुरूप कानून चाहते हैं।

समाज में वैमनस्यता बढ़ रही
'केंद्र सरकार ने एससी-एसटी एक्ट में जो संशोधन किया है उससे समाज में वैमनस्यता बढ़ रही है। हमारा वर्ग विशेष से कोई विरोध नहीं है। राजपूत समाज चााहता है कि सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा था, सरकार वैसी व्यवस्था कर दे। बिना जांच किसी की गिरफ्तारी न हो।' 

- दीपक चौहान, महासचिव मप्र राजपूत समाज

कांग्रेस हवा दे रही
'कुछ मुद्दे राजनीति से परे होते हैं। यह विषय भी संवेदनशील है। देश और समाज को बांटने वाला है। इसमें सभी को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए। कांग्रेस जरूर इसे हवा दे रही है, क्योंकि उसे समाज और देश से कोई लेना-देना नहीं है।' 

- राकेश सिंह, प्रदेशाध्यक्ष, मप्र भाजपा


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