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NRC और NPR के खिलाफ तमिलनाडु विधानसभा में प्रस्ताव विचाराधीन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी ने कहा है कि विधानसभा से प्रस्ताव पारित कराए जाने का मुद्दा विचाराधीन है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 08:39 AM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 08:39 AM (IST)
NRC और NPR के खिलाफ तमिलनाडु विधानसभा में प्रस्ताव विचाराधीन
NRC और NPR के खिलाफ तमिलनाडु विधानसभा में प्रस्ताव विचाराधीन

तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु), एएनआइ। एनआरसी और एनपीआर को लेकर उठ रही आवाजों के बीच तमिलनाडु ने कहा है कि इन दोनों के खिलाफ प्रस्ताव विधानसभा से प्रस्ताव पारित कराया जा सकता है। राजग सहयोगी जदयू शासित बिहार ने इसके खिलाफ ध्वनिमत से विधानसभा में प्रस्ताव पारित कराया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ईके पलानीस्वामी ने कहा है कि विधानसभा से प्रस्ताव पारित कराए जाने का मुद्दा विचाराधीन है।

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मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने कहा है कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ राज्य विधानसभा से प्रस्ताव पारित कराया जा सकता है। उनसे पूछा गया कि क्या तमिलनाडु विधानसभा में भी एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ बिहार विधानसभा की तरह प्रस्ताव पारित कराया जा सकता है।

इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, 'यह विचाराधीन है।' बिहार विधानसभा ने मंगलवार को ध्वनिमत से एनआरसी लागू नहीं करने का प्रस्ताव पारित किया। इसमें यह भी कहा गया है कि पुराने 2010 के फार्मेट में एनपीआर लागू किया जाएगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू ने हालांकि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का समर्थन किया था। अपने बिहार के समकक्ष राजग सहयोगी नीतीश कुमार की तरह पलानीस्वामी ने भी सीएए का समर्थन किया था।

अन्नाद्रमुक ने कहा था कि सीएए से भारतीय नागरिकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।मुख्यमंत्री ने पिछले साल दिसंबर में कहा था, 'सीएए को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य मंत्रियों ने हरी झंडी दी है। जहां तक सीएए का संबंध है तो देश में रहने वाले सभी भारतीय इससे प्रभावित नहीं होंगे।'

मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि यह विचाराधीन है।' बिहार विधानसभा ने मंगलवार को ध्वनिमत से एनआरसी लागू नहीं करने का प्रस्ताव पारित किया। इसमें यह भी कहा गया है कि पुराने 2010 के फार्मेट में एनपीआर लागू किया जाएगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू ने हालांकि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का समर्थन किया था। अपने बिहार के समकक्ष राजग सहयोगी नीतीश कुमार की तरह पलानीस्वामी ने भी सीएए का समर्थन किया था।


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