अमृतसर जैसे हादसों को रोकने के लिए रेलवे ट्रैक के दोनों ओर दीवार बनाने का प्रस्ताव
अमृतसर जैसे हादसों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए निजी कंपनी ने दिया है दिल्ली-मुंबई कारीडोर पर दीवार बनाने का प्रस्ताव
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शहरों के भीतर रेलवे ट्रैक के दोनो ओर कंक्रीट की ऊंची दीवार बनाने के निजी क्षेत्र के प्रस्ताव को यदि रेलवे संकल्पबद्ध होकर समय सीमा के भीतर लागू कर दे तो भविष्य में अमृतसर जैसे दर्दनाक हादसों से बचा जा सकता है।
भारतीय रेल का 67,368 हजार किलोमीटर लंबाई का रूट ट्रैक और 93,902 किलोमीटर लंबाई का रनिंग ट्रैक स्टेशनों को छोड़ ज्यादातर जगहों पर आरपार आवाजाही के लिए खुला और मुक्त है। इस पर मनुष्य और पशु दोनो ही स्वच्छंद रूप से विचरण करते हैं। पशु तो नासमझी के चलते ट्रैक पर आते हैं। परंतु मनुष्य लापरवाही अथवा दुस्साहस के कारण ट्रैक पर जान गंवाते हैं। ट्रैक पार करने, उस पर लेटने, बैठने, खड़े होने, चलने अथवा कार्य करने के कारण आए दिन लोग ट्रेन से कटते रहते हैं। पशुओं के ट्रैक पर आने और कटने से अक्सर ट्रेनों को रुकना या लेट होना पड़ता है।
इस सबको देखते हुए रेलवे ने कुछ प्रमुख तेज रूटों पर कंटीले तारों की बाड़ लगाने का इरादा किया था। गतिमान एक्सप्रेस चलाने के लिए दिल्ली-आगरा रूट पर कुछ अहम स्थानों पर बाड़ लगाई भी गई, लेकिन इससे ट्रैक अवांछित पारगमन से सुरक्षित नहीं हुआ। वैसे भी यदि क्रासिंग वाली जगहों पर जहां ओवरब्रिज अथवा अंडरब्रिज नहीं है वहां ट्रैक को खुला रखना जरूरी होता है।
इन समस्याओं को देखते हुए एक निजी कंपनी ने इस साल अप्रैल में रेलवे को शहरों में ट्रैक के दोनो ओर कंक्रीट की 8-12 फीट ऊंची प्री-फ्रैबिकेटेड दीवार खड़ी करने का प्रस्ताव दिया था। कंपनी का कहना था कि इसमें रेलवे का कोई खर्च नहीं आएगा। उलटे कुछ आय ही होगी। दीवार का स्पेस विज्ञापन एजेंसियों को बेचकर कंपनी न केवल अपनी लागत और मुनाफा निकालेगी, बल्कि उसका कुछ हिस्सा रेलवे को भी प्रदान करेगी। यानी हींग लगे न फिटकरी और रंग भी आए चोखा।
कंपनी ने सबसे पहले दिल्ली-आगरा रूट पर ऐसी दीवार खड़ी करने तथा बाद में पूरे दिल्ली-मुंबई कारीडोर तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। और साथ ही फरीदाबाद के नजदीक कुछ हिस्से पर दीवार बनाकर दिखाई भी थी। कंपनी का कहना था कि कंक्रीट की ऊंची दीवार से न केवल मनुष्यों और पशुओं की अवांछनीय आवाजाही पर अंकुश लगेगा, बल्कि ट्रैक के दोनो ओर बस्तियों के लोगों को ट्रेनों के आवागमन के कारण पैदा होने वाले ध्वनि प्रदूषण से भी राहत मिलेगी। क्योंकि उक्त दीवार साउंड बैरियर का भी काम करेगी।
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक गैर-किराया निदेशालय उस प्रस्ताव पर काम कर रहा है और कंपनी दिल्ली-आगरा खंड पर दीवार बनाने का निर्णय लिया जा चुका है, लेकिन आमदनी के मॉडल पर अभी फैसला होना बाकी है। अधिकारी ने माना कि यदि उक्त प्रस्ताव को सभी प्रमुख रेलवे रूटों पर शहरों के भीतर लागू किया जाए तो अमृतसर जैसे हादसों की पुनरावृत्ति को रोका जा सकता है।