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यूपी में राजनीति की मुख्य दौड़ में कांग्रेस की वापसी के लिए प्रियंका गांधी ने कसी कमर

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी में कांग्रेस को जीवंत बनाने की कसरत में वरिष्ठ नेताओं की उदासीनता पर सवाल उठाते हुए उनसे सूबे के दौरे कर कार्यकर्ताओं से रूबरू होने के लिए कहा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 01:28 AM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 01:28 AM (IST)
यूपी में राजनीति की मुख्य दौड़ में कांग्रेस की वापसी के लिए प्रियंका गांधी ने कसी कमर
यूपी में राजनीति की मुख्य दौड़ में कांग्रेस की वापसी के लिए प्रियंका गांधी ने कसी कमर

संजय मिश्र, नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश को दो हिस्सों में बांट दो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का इरादा पार्टी हाईकमान ने छोड़ने का संकेत दिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की सूबे के वरिष्ठ पार्टी नेताओं से शुक्रवार को हुई चर्चा के दौरान पूर्वी और पश्चिमी का अलग-अलग प्रदेश अध्यक्ष बनाने का प्रयोग मुफीद नहीं माना गया। वहीं प्रियंका ने उत्तरप्रदेश में कांग्रेस को जीवंत बनाने की कसरत में वरिष्ठ नेताओं की उदासीनता पर सवाल उठाते हुए उनसे सूबे के दौरे कर कार्यकर्ताओं से रूबरू होने के लिए कहा। सूबे की राजनीति की मुख्य दौड़ में कांग्रेस को वापस लौटाने के लिए प्रदेश नेताओं ने भी प्रियंका से लखनऊ में ज्यादा वक्त बिताने की सलाह दी।

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लोकसभा चुनाव के बेहद निराशाजनक नतीजों के बाद उत्तरप्रदेश में कांग्रेस को नये सिरे से खड़ा करने की अपनी रणनीति के तहत पूर्वी उत्तरप्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी प्रदेश संगठन को नया रूप देना चाहती हैं। इसी के तहत प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ यह बैठक हुई जिसमें संगठन के भावी स्वरूप से लेकर राजनीतिक दशा-दिशा पर तीन घंटे से अधिक लंबी चर्चा की गई। पूर्वी और पश्चिमी के लिए अलग-अलग अध्यक्ष बनाने के विकल्प पर कहा गया कि इससे सूबे में संगठन का मजबूत नेतृत्व होने का संदेश नहीं जाएगा।

सूत्रों के अनुसार पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य का कहना था एक से अधिक अध्यक्ष बनाने का प्रयोग कारगर नहीं हुआ है। जैन की इस बात का कई नेताओं ने समर्थन किया। प्रियंका ने कहा कि वह दो अध्यक्ष के विकल्प पर विचार कर रहीं थी मगर अब सूबे के एक संगठनात्मक ढांचे पर गौर किया जाएगा। वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि नया अध्यक्ष चौबीस घंटे राजनीति करने वाला चेहरा होना चाहिए अब पार्ट टाइम से काम नहीं चलेगा।

सूत्रों ने बताया कि पार्टी को मजबूत बनाने पर हो रही इस चर्चा के दौरान प्रियंका ने कहा कि बड़े नेता जिलों का दौरा नहीं करते। संगठन को जीवंत बनाने में नेताओं का यह रुख चुनौती है। प्रमोद तिवारी ने इस पर कहा कि महासचिव होने के नाते वे वरिष्ठ नेताओं को खुद दौरे के लिए निर्देश दें और सूबे में होने वाले उपचुनाव में सभी जाएंगे।

उत्तरप्रदेश में कांग्रेस की जमीनी स्थिति का आकलन कराने के लिए प्रियंका ने पार्टी सचिवों की अध्ययन रिपोर्ट के आधार पर यह बात कही। सचिवों ने सूबे के हर जिले का दौरा कर 8 से 10 ऐसे नेताओं व कार्यकर्ताओं की सूची तैयार की है जिन्हें संगठन में लाकर पार्टी का कायाकल्प किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार जितिन प्रसाद ने सुझाव दिया कि प्रियंका गांधी यदि लखनऊ में ज्यादा समय रहेंगी तो संगठन को लड़ाई के लिए तैयार करने की गति तेज होगी।

जितिन ने उत्तरप्रदेश कांग्रेस का कायाकल्प करने के लिए एक व्यापक चिंतन या मंथन शिविर करने का भी सुझाव दिया। उनका कहना था कि कांग्रेस को अपना विजन तय करना होगा और कभी विरोध तो कभी गठबंधन की दुविधा से निकलना होगा। सूबे में भाजपा ही नहीं सपा-बसपा दोनों से लड़ना होगा।

सूत्रों ने बताया कि पीएल पुनिया ने बैठक में कहा कि उत्तरप्रदेश की राजनीति में सामाजिक समीकरणों की हकीकत को भी फैक्टर कर जातीय आधार पर प्रतिनिधित्व देना होगा। वहीं मोहसिना किदवई का कहना था कि बाहर से आने वाले लोगों की बजाय कांग्रेस के निष्ठावान लोगों को तरजीह मिलनी चाहिए। निर्मल खत्री ने कहा कि बूथ मजबूत करने की बात बार-बार होती है मगर इसके लिए जरूरी है कि विधानसभा चुनाव के टिकट पहले घोषित किए जाएं।

इस बैठक में शामिल हुए अन्य वरिष्ठ नेताओं में श्रीप्रकाश जायसवाल, राजबब्बर, आरपीएन सिंह, बेगम नूरबानो और अरुण सिंह मुन्ना थे। सलमान खुर्शीद इसमें शरीक नहीं हुए। वरिष्ठ नेताओं के अलावा प्रियंका ने सावित्री फूले और बृजलाल समेत लोकसभा चुनाव लड़ने वाले दस से अधिक नेताओं से भी अलग से मंत्रणा की।


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