CAA : प्रदर्शनकारियों को बचाने के लिए राहुल और प्रियंका वाड्रा ने खटखटाया NHRC का दरवाजा
Priyanka Gandhi Vadra and Rahul Gandhi ने CAA प्रदर्शनकारियों के खिलाफ यूपी पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। Priyanka Gandhi Vadra and Rahul Gandhi knocks NHRC Door नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस की कथित बर्बर कार्रवाई के मामले को लेकर कांग्रेस राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पहुंच गई है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुआई में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने वालों के खिलाफ सूबे में पुलिस-प्रशासन के कथित जुल्म की शिकायतों का दस्तावेज सौंपते हुए एनएचआरसी से तत्काल जांच कर कार्रवाई की मांग की है। राहुल गांधी ने कहा है कि उत्तरप्रदेश सरकार अपने ही नागरिकों के खिलाफ युद्ध कर रही है और ऐसे में एनएचआरसी का निर्णायक एक्शन लेना जरूरी है।
सीएए-एनआरसी के खिलाफ आंदोलन में पुलिस के गंभीर उत्पीड़न की शिकायत एनएचआरसी में दर्ज कराने के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर उत्तरप्रदेश सरकार को घेरा। राहुल ने कहा 'कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तरप्रदेश के नागरिकों के खिलाफ प्रदेश सरकार के अत्याचारों का सबूत एनएचआरसी को सौंपा। प्रदेश सरकार अपने ही लोगों के खिलाफ युद्ध कर रही है। इसीलिए एनएचआरसी को भारत की अवधारणा और उसके नागरिकों के संवैधानिक अधिकार की रक्षा के लिए निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।'
मानवाधिकार गए कांग्रेस की टीम में राहुल और प्रियंका के अलावा वरिष्ठ वकील पार्टी नेता अभिषेक सिंघवी, सलमान खुर्शीद, राजीव शुक्ला, जितिन प्रसाद और उत्तरप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू आदि शामिल थे। एनएचआरसी अध्यक्ष और सदस्यों के साथ हुई बैठक के बाद राहुल-प्रियंका की मौजूदगी में अभिषेक सिंघवी ने पत्रकारों से कहा कि हमने एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है जिसमें उत्तरप्रदेश में सीएए-एनआरसी के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की बर्बरता के मामलों से रुबरू कराया गया है। इसके प्रमाण में बडे-बडे तीन खंडों में सबूत भी दिए हैं।
उन्होंने बताया कि सौंपे गए सुबूतों में पीड़ितों के नाम से लेकर उनकी तस्वीरें और वीडियो आदि उपलब्ध हैं। सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस ने नौ बिंदुओं पर आयोग का ध्यान आकृष्ट किया है जिसमें दो-तीन पर काफी पुख्ता सबूत भी दिए गए हैं। सूबे में मानवाधिकारों के हनन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विरोध प्रदर्शन में 23 मौत हुई है मगर पुलिसकर्मियों के खिलाफ अभी तक एक भी एफआइआर दर्ज नहीं हुई है। सिंघवी ने कहा कि मारे गए लोगों के साथ हुई बर्बरता के ब्यौरे के अलावा हमने इलाके व अफसरों के नाम दिए हैं। पुलिस मित्र में आरएसएस-भाजपा के लोगों की भर्ती और उनके जनता के साथ दुश्मन की तरह व्यवहार करने के सबूत भी सौंपे हैं। प्रियंका ने भी एनएचआरसी के समक्ष पुलिस मित्र की भर्ती की शर्त ही आरएसएस-भाजपा से जुड़ी होने की बात रखी।