वित्त मंत्री के अपमान पर राहुल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस
राहुल ने कहा था 'डियर मिस्टर 'जेटलाई'- देश को याद यह दिलाने के लिए धन्यवाद कि पीएम जो कहते हैं उसका अर्थ वह नहीं होता।' पार्टी ने गुरुवार को राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। गुजरात चुनाव में मनमोहन सिंह के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तल्ख टिप्पणी से उठा विवाद शांत होने के कुछ घंटे के भीतर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के एक ट्वीट से हंगामा खड़ा हो गया। सदन में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बदजुबानी करने वाले पार्टी नेताओं से दूरी बनाने का ऐलान किया था। लेकिन थोड़ी ही देर में ट्वीट कर राहुल ने कहा था 'डियर मिस्टर 'जेटलाई'- देश को याद यह दिलाने के लिए धन्यवाद कि पीएम जो कहते हैं उसका अर्थ वह नहीं होता।'
पार्टी ने गुरुवार को राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया। उस दौरान कांग्रेस सदन में केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के विवादित बयान को हंगामा कर रही थी। भाजपा सदस्य भूपेंद्र यादव इसके खिलाफ प्रस्ताव पेश कर संज्ञान लेने को कहा। उन्होंने कहा कि राहुल ने सदन में बीजेपी के नेता जेटली का अपमान किया है।
यादव ने कहा कि इस सदन के लोगों की अपनी गरिमा है, जिसे राहुल गांधी ने धूमिल करने की कोशिश की है। राहुल ने जिस तरह से जेटली के नाम का मजाक उड़ाया, वह विशेषाधिकारों के हनन के दायरे में आता है। वर्ष 1954 के एनसी चटर्जी मामले का हवाला देते हुए इसे वैसा ही बताया। यादव ने राहुल को नोटिस भेजने की मांग की है।
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि विशेषाधिकार हनन नोटिस उनके पास है, जिस पर वह फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि सदन के नेता व प्रतिपक्ष के नेता के बीच एक समझौता हुआ था और सभी लोगों ने उसका समर्थन किया था। सभी सदस्यों को नसीहत देते हुए कहा कि सदन के बाहर कोई इस पर टिप्पणी न करे। यह सदन और व्यवस्था के लिए उचित नहीं है। यह एक गंभीर विषय है। इसमें प्रधानमंत्री के बारे में भी टिप्पणी की गई है। नोटिस पर वह उचित फैसला लेंगे।
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