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प्रधानमंत्री कार्यालय ने नहीं दिया मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों का ब्योरा

आरटीआइ कार्यकर्ता अनिल गलगली ने पीएमओ के जवाब को अनैतिक व अपरिपक्व करार दिया। मामला संदिग्ध है और मंत्रियों के खिलाफ शिकायतें ज्यादा संख्या में हो सकती हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 20 Jun 2019 08:59 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jun 2019 08:59 PM (IST)
प्रधानमंत्री कार्यालय ने नहीं दिया मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों का ब्योरा
प्रधानमंत्री कार्यालय ने नहीं दिया मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों का ब्योरा

मुंबई, आइएएनएस। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने नरेंद्र मोदी की पहली सरकार के दौरान मंत्रियों के खिलाफ मिलीं भ्रष्टाचार की शिकायतों की जानकारी साझा करने से इन्कार कर दिया।

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सूचना का अधिकार (आरटीआइ) कार्यकर्ता अनिल गलगली ने गुरुवार को बताया, 'पीएमओ ने ब्योरा उपलब्ध कराने से इन्कार करते हुए कहा कि यह एक बोझिल काम हो सकता है।' पीएमओ के अंडर सेक्रेट्री और सीपीआइओ प्रवीन ने आरटीआइ के जवाब में कहा कि पीएमओ में कई केंद्रीय मंत्रियों और पदाधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार व अन्य मामलों से संबंधित शिकायतें आती रहती हैं।

इनकी कोई एक फाइल नहीं बनती। ज्यादातर शिकायतें छद्म नाम या अनाम द्वारा की जाती हैं। आरोपों की विविधता व गंभीरता तथा शिकायतों के साथ संबद्ध दस्तावेजों के आधार पर उनकी जांच की जाती है।

पीएमओ ने कहा, 'जरूरी कार्रवाई के बाद शिकायतों को इस कार्यालय के विभिन्न खंडों और इकाइयों में रखा जाता है। सूचना एकत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में फाइलों की पूरी तरह जांच करनी होगी।'

गलगली ने पीएमओ के जवाब को 'अनैतिक व अपरिपक्व' करार दिया। उन्होंने कहा कि मामला संदिग्ध है और मंत्रियों के खिलाफ शिकायतें ज्यादा संख्या में हो सकती हैं।

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