समाज सुधारक गोपाल कृष्ण गोखले की जयंती आज, प्रधानमंत्री मोदी व कई हस्तियों ने किया याद
समाज सुधारक व स्वतंत्रता सेनानी गोपाल कृष्ण गोखले की जयंती पर उन्हें याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू व तमाम नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
नई दिल्ली, एएनआइ। महान नेता,समाज सुधारक एवं विचारक गोपाल कृष्ण गोखले की जयंती के मौके पर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस मौके पर श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर उन्हें शानदार व्यक्ति बताया। उन्होंने लिखा,‘असीम ज्ञान व बेजोड़ व्यक्तित्व के साथ उन्होंने शिक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए अनेकों योगदान दिया। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन में अभूतपूर्व योगदान दिया।’ प्रधानमंत्री ने ट्वीट के जरिए बताया कि गोखले ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भी अनुकरणीय नेतृत्व प्रदान किया था। वहींं गडकरी ने ट्वीट किया, 'गोपाल कृष्ण गोखले जी की जयंती पर विनम्र अभिवादन।' उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने ट्वीट किया और लिखा, ‘महान स्वतंत्रता सेनानी गोपाल कृष्ण गोखले जी को उनकी जयंती पर याद करता हूं जो प्रभावशाली नेता और भारतीय समाज सुधारक थे।’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'वे एक सच्चे देशभक्त और समाज सुधारक थे जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में लगातार काम किया। युवा पीढ़ी को उनके जीवन और उनके आदर्शों से प्रेरणा लेनी चाहिए।'
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में गोपाल कृष्ण गोखले ने देश को सबसे बड़ा योगदान दिया था। बता दें कि देश को समझने की सीख राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गोखले ने ही दी थी। राष्ट्रपिता ने उन्हें अपने राजनीतिक गुरु के तौर पर मानते थे। गोपाल कृष्ण गोखले ने ही महात्मा गांधी को पूरा देश घूमकर भारत को समझने की सलाह दी थी। उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी गोखले के जबरदस्त प्रशंसक थे और उन्होंने उन्हें अपना राजनीतिक गुरु भी स्वीकार किया था। गोखले उन नेताओं में थे जिनसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सबसे अधिक प्रभावित थे।
गोखले के सुझाव पर महात्मा गांधी ने भारत की यात्रा की थी। इससे उन्हें भारत और आम भारतीय को समझने का मौका मिला। इसी क्रम में वह विभिन्न क्षेत्रों की समस्याओं से दो चार हुए। गांधी की लोकमुखी राजनीति से आम आदमी का उसमें प्रवेश हो गया और वह गांव−गांव तक पहुंच गई। इससे स्वतंत्रता आंदोलन में आम आदमी की सहभागिता और भूमिका बढ़ती गई।