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COVID-19: वैक्सीन के लिए पीएम केयर्स फंड ने दिए 100 करोड़ रुपये, उच्चस्तरीय बैठक में पीएम ने दी जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नॉवेल कोरोना वायरस के वैक्सीन को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 03:34 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 03:34 PM (IST)
COVID-19:  वैक्सीन के लिए पीएम केयर्स फंड ने दिए 100 करोड़ रुपये, उच्चस्तरीय बैठक में पीएम ने दी जानकारी
COVID-19: वैक्सीन के लिए पीएम केयर्स फंड ने दिए 100 करोड़ रुपये, उच्चस्तरीय बैठक में पीएम ने दी जानकारी

नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को नॉवेल कोरोना वायरस के वैक्सीन को लेकर की जा रही तैयारियों की समीक्षा करने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में इस बात की चर्चा की गई कि टीका कब तक उपलब्ध हो सकेगा।

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प्रधानमंत्री ने बैठक में शामिल अधिकारियों को विभिन्न तकनीकी टूल का मूल्यांकन करने के निर्देश दिए ताकि प्रभावी वैक्सीन समय से आ सके। इसके अलावा उन्होंने व्यापक पैमाने पर इस वैक्सीन के लिए की गई प्लानिंग की मांग की। बैठक में भारतीय व ग्लोबल वैक्सीन के लिए किए जा रहे प्रयासों के मौजूदा स्टेटस की भी समीक्षा हुई। 

प्रधानमंत्री ने ग्लोबल कम्युनिटी के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और जिम्मेदारी का जिक्र किया जो कोविड-19 वैक्सीन बनाने के लिए हो रहे वैश्विक प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। पीएम केयर्स (PM-CARES) फंड ट्रस्ट ने पहले कोरोना वायरस वैक्सीन विकास के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण का आंकड़ा 5 लाख 66 हजार 8 सौ 93 हो गया है जिसमें से मरने वालों की संख्या 16 हजार 8 सौ 93 हो गई है। इससे पहले हैदराबाद के भारत बायोटेक ने ऐलान किया था कि इसने सफलतापूर्वक 'कोवाक्सिन (Covaxin)' विकसित कर लिया है। इसने बताया कि भारत का पहला वैक्सीन ICMR (Indian Council of Medical Research) और NIV (National Institute of Virology) के साथ मिलकर विकसित किया गया।

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ( CDSCO) ने वैक्सीन के ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल की अनुमति भी दे दी है। यह अनुमति कंपनी द्वारा प्रीक्लिनिकल स्टडीज के परिणामों के आने के बाद दी गई।  दरअसल, इन परिणामों में इम्यून रेस्पांस और कोविड-19 के लिए सुरक्षा को भी दिखाया गया। जुलाई 2020 में ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल  शुरू करने का फैसला किया गया है। सार्स-कोविड-2 (SARS-CoV-2) के स्ट्रेन को पुणे के  NIV में आइसोलेट किया गया था और बाद में भारत बायोटेक भेजा गया।  


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