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राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की लोकसभा चुनाव में हर किसी से वोट की अपील

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारे लोकतन्त्र की सफलता के लिए, मतदान करना हमारा एक पुनीत कर्तव्य बन जाता है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 25 Jan 2019 07:14 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jan 2019 10:56 PM (IST)
राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की लोकसभा चुनाव में हर किसी से वोट की अपील
राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की लोकसभा चुनाव में हर किसी से वोट की अपील

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को लेकर जहां राजनीतिक माहौल गर्म है, वहीं राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक क्षेत्र में प्रगति की ओर इशारा करते हुए याद दिलाया है कि अभी और आगे बढ़ना है। लिहाजा हर व्यक्ति मतदान के अधिकार का उपयोग जरूर करें।

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शनिवार को देश 70वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। इसकी पूर्व संध्या पर देश के नाम संबोधन में राष्ट्रपति का पूरा भाषण सामूहिक रूप से देश को गांधी के 'सपनों का भारत' बनाने पर केंद्रित रहा। उन्होंने कहा- 'हमारे आज का निर्णय और कार्यकलाप 21वीं सदी के भारत का स्वरूप निर्धारित करेगा। राष्ट्र निर्माण की दृष्टि से आज का यह समय हम सबके लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना हमारे देशवासियों के स्वतंत्र भारत का शुरूआती दौर था।' इसी क्रम में उन्होंने 17वीं लोकसभा के लिए होने वाले मतदान में बड़ी संख्या में भाग लेने की अपील की।

अपने पंद्रह मिनट के भाषण में राष्ट्रपति ने आर्थिक आधार पर आरक्षण को महात्मा गांधी के सपनों के भारत का ही एक प्रगटीकरण बताया। उन्होंने कहा कि गांधी ने अपनी पुस्तक में लिखा था वह ऐसे भारत का निर्माण करना चाहेंगे जिसमें गरीब से गरीब लोग भी महसूस करेंगे कि यह देश उनका है। गरीब परिवारों के प्रतिभाशील बच्चों को आरक्षण इस भाव को पुष्ट करेगा।

राष्ट्रपति ने जहां पिछले वर्षो में गरीबों के लिए आवास, शौचालय, पेय जल, हृदय उपचार के लिए सस्ता स्टेंट, रोजगार के लिए प्रशिक्षण जैसी की सुविधाओं का उल्लेख किया, वहीं खाद्यान्न उत्पादन में प्रचुरता, पासपोर्ट बनवाने में सुविधा जैसी कई योजनाओं के बारे में बताते हुए यह आगाह भी किया कि 'अभी बहुत आगे जाना है।' उन्होंने कहा- हमारे जो भाई बहन विकास की दौड़ में पीछे रह गए हैं उन सबको साथ लेकर हमें चलना है। ध्यान रहे कि सरकार की ओर से भी लगातार नए भारत की बात की जा रही है।

राष्ट्रपति ने सीख देते हुए कहा कि भारत की संस्कृति, परंपरा और जीवन आदर्शो में लोकसेवा का बहुत अधिक महत्व है। उन व्यक्तियों और संस्थाओं के प्रति सम्मान का भाव रहता है जो अपने सामान्य कर्तव्यों की सीमाओं से उपर उठकर लोकसेवा के लिए समर्पित रहते हैं। 'अच्छी नीयत के साथ किए गए योगदान को मान्यता और सराहना मिलनी चाहिए, चाहे वह योगदान किया व्यक्ति का, समूह का या सरकार का हो।'


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