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Constitution Day 2020: राष्ट्रपति कोविंद ने भारत के संविधान की प्रस्तावना का किया पाठ

26 नवंबर को संविधान दिवस के मौके पर राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश की संविधान के प्रस्‍तावना को पढ़कर सुनाया। केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में 19 नवंबर को गजट नोटिफिकेशन द्वारा 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया था।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 11:27 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 11:27 AM (IST)
Constitution Day 2020: राष्ट्रपति  कोविंद ने भारत के संविधान की प्रस्तावना का किया पाठ
Constitution Day: आज संविधान दिवस मना रहा देश

केवाडिया, एएनआइ। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार (26 नवंबर) को संविधान दिवस के मौके पर भारतीय संविधान की प्रस्‍तावना का पढ़ा। बता दें कि देश आज संविधान दिवस मना रहा है। इसकी शुरुआत वर्ष 2015 में की गई थी।  भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को पारित किया गया था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 से यह देभभर में लागू हुआ। संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष थे।

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26 नवंबर को भारत के संविधान के निर्माताओं के प्रयासों को स्वीकार करने के लिए संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में 19 नवंबर को गजट नोटिफिकेशन द्वारा 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के रूप में घोषित किया था। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा वर्ष 1979 में एक प्रस्ताव के बाद से इस दिन को 'राष्ट्रीय कानून दिवस' (National Law Day) के रूप में मनाया जाता है। 

इस  मौके पर लोकसभा स्‍पीकर ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh)  ने देशवासियों को बधाई दी। भारतीय इतिहास के इस अहम मौके पर ओम बिरला ने कहा कि संविधान में जिन मूल्‍यों का जिक्र किया गया है वह लोगों के लिए प्रेरणादायी है। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा, ' 71वें संविधान दिवस पर भारत के उन महान मनीषियों को नमन जिन्होंने देश को संविधान के रूप में अतुल्य मार्गदर्शक प्रदान किया। संविधान में प्रदत्त मूल्य हमें देश की उन्नति व देशवासियों के कल्याण के लिए सतत प्रयत्नशील बने रहने की प्रेरणा देते हैं।' 

भारतीय संविधान के प्रस्तावना का विचार अमेरिका के संविधान से लिया गया और इसकी भाषा ऑस्ट्रेलिया की संविधान का है। इसकी शुरुआत 'हम भारत के लोग'  से की गई है और अंत '26 नवंबर 1949 अंगीकृत' के साथ की गई है। उल्‍लेखनीय है कि प्रस्तावना के तीन शब्द सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न (Sovreign), लोकतांत्रिक (Democratic) गणराज्य (Republic) महत्‍वपूर्ण थे जिसमें  42वें संशोधन के तहत बदला गया और  समाजवाद (Socialist) व धर्मनिरपेक्ष (Secular) शब्‍दों को जोड़ा गया। 


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