राष्ट्रपति कोविंद ने कहा- कोरोना से लड़ रही दुनिया के लिए बुद्ध की शिक्षाएं आशा की किरण
धम्म चक्र दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति ने किया जबकि मंगोलिया के राष्ट्रपति ने विशेष संदेश पढ़ा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भगवान बुद्ध की शिक्षाएं मौजूदा वक्त में उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी वे पहले हुआ करती थीं। कोरोना की अभूतपूर्व चुनौती का सामना कर रही दुनिया के लिए बुद्ध का संदेश पथ प्रदर्शक के समान है। यह बात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कही।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा- कष्टों के निवारण के लिए भगवान बुद्ध के उपाय आज भी कारगर हैं
धम्म चक्र दिवस उत्सव को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि मानव जाति के कष्टों के निवारण के लिए ढाई हजार साल पहले भगवान बुद्ध ने जो उपाय बताए थे वे आज भी उतने ही कारगर हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन अंतरराष्ट्रीय बुद्धिस्ट कनफेडरेशन और संस्कृति मंत्रालय ने मिलकर किया है।
राष्ट्रपति ने कहा- कोरोना से लड़ रही दुनिया के लिए बुद्ध का संदेश सही रास्ता दिखा सकता है
राष्ट्रपति ने कहा कि भगवान बुद्ध द्वारा स्थापित शाश्वत मूल्यों का पालन करना समय की मांग है। ऐसे समय जब कोरोना के कारण दुनिया में लोगों की जिंदगी तहस-नहस हो गई है और अर्थव्यवस्थाएं चौपट हो गई हैं तब बुद्ध का संदेश ही सही रास्ता दिखा सकता है। उन्होंने लोगों से कहा कि यदि वे अपने जीवन में सच्चा आनंद चाहते हैं तो लालच, घृणा, हिंसा, ईर्ष्या और अन्य दुर्गुणों का परित्याग करें।
धम्म चक्र दिवस
भगवान बुद्ध द्वारा सारनाथ में अपने पांच शिष्यों को पहली बार उपदेश देने के उपलक्ष्य में हर साल आषाढ़ पूर्णिमा को मनाया जाता है।
पीएम मोदी ने कहा- सारनाथ में बुद्ध ने पहले प्रवचन में उद्देश्य और आशा पर जोर दिया था
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सारनाथ में भगवान बुद्ध ने अपने पहले प्रवचन में उद्देश्य और आशा पर जोर दिया था। इन दो चीजों से किसी भी व्यक्ति के जीवन से सारे कष्ट हर जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस स्थिति से उबरना है और लोगों में आशा का संचार करना है। भारत के स्टार्ट अप सेक्टर इस बात के प्रत्यक्ष उदाहरण हैं कि आशा, नवोन्मेष और दया से कैसे लोगों के कष्टों का निवारण हो सकता है।
बुद्ध की सीख हमें अपने विचारों और आचरण में सादगी लाने को कहती है: मोदी
उन्होंने कहा कि भारत के प्रतिभाशाली युवा वैश्विक समस्याओं का समाधान ढूंढ़ रहे हैं। भारत में स्टार्ट अप का विस्तृत संजाल है। बुद्ध के आष्टांगिक मार्ग का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि यह कई राष्ट्रों और समुदायों को रास्ता दिखा रहा है। यह दया और करुणा की सीख देता है। बुद्ध की सीख हमें अपने विचारों और आचरण में सादगी लाने को कहती हैं।
मोदी ने कहा- बौद्ध धर्म से हमें सम्मान करने की शिक्षा मिलती है
उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म से हमें सम्मान करने की शिक्षा मिलती है। हमें लोगों का सम्मान करना है, गरीबों का सम्मान करना है, महिलाओं का सम्मान करना है, शांति और अ¨हसा का सम्मान करना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे 21वीं सदी से बहुत आशान्वित हैं। ये आशा अपने नौजवानों को देखकर बंधी है। मैं अपने युवा साथियों से आग्रह करता हूं कि वे भगवान बुद्ध के विचारों से जुड़ें। ये विचार उन्हें आगे बढ़ने का मार्ग दिखाएंगे।
धम्म चक्र दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति ने किया, मंगोलिया के राष्ट्रपति ने संदेश पढ़ा
धम्म चक्र दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति ने किया जबकि मंगोलिया के राष्ट्रपति ने विशेष संदेश पढ़ा। इसके अलावा संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल और राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने भी उद्घाटन समारोह को संबोधित किया।