Lok Sabha Election 2019: निर्वाचन आयोग ने कहा, ... तो छह दिन में आएगें परिणाम
देश के 21 प्रमुख विपक्षी राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर ईवीएम में पड़ने वाले मतों का वीवीपैट पर्चियों से पचास फीसद तक मिलान कराने की मांग की थी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ईवीएम (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) के मतों का वीवीपैट (वोटर वेरीफाइबेल पेपर आडिट ट्रेल) पर्चियों से 50 फीसद तक मिलान कराने की राजनीतिक दलों की मांग से असहमति जताई है। यदि ऐसा किया गया, तो चुनाव परिणाम आने में कम से कम छह दिन का वक्त लगेगा। यह भी तब जब निर्वाचन क्षेत्र में औसतन 250 पोलिंग बूथ होंगे। यदि इसकी संख्या 400 के करीब हुई, जैसा मौजूदा समय में कई निर्वाचन क्षेत्र में मौजूद है, तो चुनाव परिणाम आने में आठ से नौ दिन तक का समय लगेंगे। हालांकि अब देखना होगा, कि सुप्रीम कोर्ट इस पर क्या फैसला देता है। फिलहाल मामले की सुनवाई एक अप्रैल को होनी है।
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए हलफनामें में यह जानकारी दी है। देश के 21 प्रमुख विपक्षी राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर ईवीएम में पड़ने वाले मतों का वीवीपैट पर्चियों से पचास फीसद तक मिलान कराने की मांग की थी। कोर्ट ने 25 मार्च को इस मामले की सुनवाई करते हुए आयोग से इसे लेकर रिपोर्ट देने को कहा था। साथ ही यह टिप्पणी करते हुए कहा था कि किसी भी संस्था को सुधार से जुड़े सुझावों से परहेज नहीं करना चाहिए। इनमें खुद न्यायपालिका भी शामिल है। कोर्ट ने इसे लेकर चुनाव आयोग को शुक्रवार पांच बजे तक का वक्त दिया था।
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को दिए गए हलफनामें में बताया है कि एक वीवीपैट के मतों की गिनती में कम से कम एक घंटे का समय लगता है। ऐसे में यदि पचास फीसद वीवीपैट पर्चियों की गिनती कराई गई है, तो छह से नौ घंटे तक समय लगेगा। ईवीएम की विश्वसनीयता को दिखाने के लिए वह पहले से ही प्रत्येक विधानसभा के एक बूथ के वीवीपैट पर्चियों का मिलान कराते है।
इनमें अब तक कहीं से कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। इसके अलावा वोटर खुद भी ईवीएम पर डाले गए मतों को वीवीपैट पर जांच सकता है, जिसकी स्कि्रन पर सात सेकेंड तक जस प्रत्याशी को वोट दिया गया है, उसका नाम और चुनाव चिन्ह दिखाई देता है।
इस चुनाव में 4125 वीवीपैट की पर्चियों का होगा मिलान
आयोग ने 2019 के आम चुनाव में देश भर में 4125 वीवीपैट पर्चियों की मिलान करने का फैसला लिया है। हलफनामा में आयोग ने बताया है कि भारतीय सांख्यिकी संस्थान ने करीब दस लाख बूथों में से सिर्फ 479 बूथों की वीवीपैट पर्चियों के ही मिलान करने का सुझाव दिया गया है। हालांकि वह खुद भी अपने स्तर पर सभी विधानसभा के एक बूथ पर इसे लागू किया है। इसका चयन रेंडम तरीके से होता है।
आयोग का यह है गणित
आयोग ने 50 फीसद वीवीपैट पर्चियों के मिलान को लेकर ज्यादा समय लगने की जो संभावना जताई है, उसका गणित कुछ इस तरह का है।
-कुल पोलिंग बूथ- 10.35 लाख
-कुल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र- 4125.
- एक विधानसभा में औसत पोलिंग बूथों की संख्या- 250.
- एक वीवीपैट पर्चियों की गितनी में लगने वाला समय- एक घंटा
यदि पचास फीसद वीवीपैट की गितनी की जाती है, तो लगेगा कुल समय- 125 घंटा यानि 5.2 दिन
- वीवीपैट पर्चियों की गणना में प्रत्येक राउंड के बाद ईवीएम से मिलान में वक्त- करीब 10 से 12 घंटे।
- इस तरह से चुनाव परिणाम आने में लगेंगे कुल छह दिन।