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प्रियंका की राजनीति में एंट्री के बाद भी प्रशांत किशोर नहीं मानते कांग्रेस को मजबूत विपक्ष

Prashant Kishore, प्रशांत किशोर का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा बनाम महागठबंधन के बीच मुकाबला होगा और कांग्रेस अब भी मजबूत विपक्ष की स्थिति में नहीं है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Thu, 24 Jan 2019 07:47 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 07:47 AM (IST)
प्रियंका की राजनीति में एंट्री के बाद भी प्रशांत किशोर नहीं मानते कांग्रेस को मजबूत विपक्ष
प्रियंका की राजनीति में एंट्री के बाद भी प्रशांत किशोर नहीं मानते कांग्रेस को मजबूत विपक्ष

हैदराबाद, एएनआइ। जदयू उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) कांग्रेस को मजबूर विपक्ष नहीं मानते हैं। प्रशांत किशोर का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा बनाम महागठबंधन के बीच मुकाबला होगा और कांग्रेस अब भी मजबूत विपक्ष की स्थिति में नहीं है। एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में उन्होंने यह बात कही।

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पिछले साल सितंबर में JDU में हुए शामिल
बता दें कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2015 में नीतीश कुमार दोनों के लिए चुनावी रणनीतिकार के रूप में काम कर चुके किशोर पिछले साल सितंबर में जदयू में शामिल हो गए थे। पार्टी में शामिल होने के एक महीने बाद उन्हें जदयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया।

तो क्या अमित शाह के कहने पर हुई JDU में एंट्री?
दरअसल, प्रशांत किशोर के जदयू में शामिल होने के बाद नीतीश कुमार ने एक टीवी चैनल को साक्षात्कार दिया था। जहां उनसे पूछा गया था कि प्रशांत किशोर को क्यों इतना बड़ा पद दिया गया और पार्टी का उपाध्यक्ष बना दिया गया। इसपर स्पष्टीकरण देते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि यह राजशाही नहीं है और केवल हम ही नहीं, बल्कि हमारे सहयोगी गठबंधन के अध्यक्ष अमित शाह ने फोन कर कहा कि उन्हें पार्टी में शामिल करें। पीके ने कहा कि इसकी वजह है कि नीतीश कुमार और मुझे लगा कि हमें भाजपा से मंजूरी की जरूरत है, जो हमारा गठबंधन है। नीतीश कुमार ने कहा है कि यह सिर्फ जदयू का फैसला नहीं था, बल्कि हमारे गठबंधन से मुझे उनकी पार्टी (JDU) में शामिल करने की मंजूरी भी थी। दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि प्रशांत किशोर को जेदयू में शामिल करने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कई बार नीतीश कुमार को फोनकर उनकी सिफारिश की थी।

इन सब पर किशोर ने कहा, 'नीतीश कुमार ने कहा कि मैं लंबे समय से उनकी पार्टी के साथ काम कर रहा हूं और हम अच्छी शर्तों को साझा करते हैं और यह न केवल उनके लिए है बल्कि अमित शाह ने मुझे जद (यू) में शामिल करने के लिए भी कहा है। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि भाजपा और जेडीयू दोनों के बीच अच्छी साझेदारी व समझ हैं और हम जो भी निर्णय लेते हैं, उसका सम्मान करते हैं।

युवाओं को पार्टी से जोड़ने का लक्ष्य 
वहीं, आगामी लोकसभा चुनाव पर बात करते हुए पीके ने कहा, 'उन्हें लोकसभा चुनाव से पहले युवाओं को पार्टी से जोड़ने का काम सौंपा गया है।'

कांग्रेस की खुशी में 'पीके' भी शामिल, प्रियंका को दी बधाई

प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने से कांग्रेसियों की खुशी स्वाभाविक है, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाले राजग के महत्वपूर्ण घटक जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर की खुशी बेवजह नहीं कही जा सकती। कांग्रेसियों की तरह उन्होंने भी प्रियंका गांधी को सक्रिय राजनीति में लाने का प्रयास किया था। वह उस समय सफल नहीं हो पाए। जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रियंका को महासचिव बनाने की घोषणा की तो विरोधी दल में रहते हुए भी प्रशांत उन्हें बधाई और शुभकामनाएं देने से खुद को रोक नहीं पाए। राहुल गांधी की घोषणा के तुरंत बाद प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, 'भारतीय राजनीति में लंबे समय से किसी के आगमन का इंतजार आज खत्म हुआ। कुछ लोग उनके आगमन का समय, भूमिका और पार्टी में उनकी हैसियत को लेकर बहस कर सकते हैं, लेकिन मेरे लिए वास्तविक खबर यह है कि वह अंतत: राजनीति में कूद पड़ीं। प्रियंका गांधी के लिए बधाई और शुभकामनाएं।'


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