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आइएफएससी को गांधीनगर ले जाने पर मुंबई में राजनीति शुरू, एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस ने भी फैसले पर जताई आपत्ति

केंद्र सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आइएफएससी) अथॉरिटी गुजरात के गांधीनगर में स्थापित करने का निर्णय महाराष्ट्र के गैरभाजपा नेताओं को रास नहीं आ रहा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 03 May 2020 01:10 AM (IST)Updated: Sun, 03 May 2020 01:10 AM (IST)
आइएफएससी को गांधीनगर ले जाने पर मुंबई में राजनीति शुरू, एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस ने भी फैसले पर जताई आपत्ति
आइएफएससी को गांधीनगर ले जाने पर मुंबई में राजनीति शुरू, एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस ने भी फैसले पर जताई आपत्ति

राज्य ब्यूरो, मुंबई। केंद्र सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आइएफएससी) अथॉरिटी गुजरात के गांधीनगर में स्थापित करने का निर्णय महाराष्ट्र के गैरभाजपा नेताओं को रास नहीं आ रहा है। राज्य में इस मुद्दे पर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना ने भाजपा एवं केंद्र से नाराजगी जताई है।

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राकांपा प्रमुख शरद पवार ने पीएम से निर्णय पर पुनर्विचार को कहा

राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने एक वेबसंवाद में केंद्र सरकार के इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उनके अनुसार केंद्र का यह निर्णय देश की आर्थिक राजधानी के रूप में स्थापित मुंबई की छवि को तोड़नेवाला है। पवार ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करूंगा कि वे इस निर्णय पर पुनर्विचार करें। पवार चाहते हैं कि महाराष्ट्र में सभी दलों को मिलकर केंद्र के इस निर्णय का विरोध करना चाहिए।

आईएफएससी मुख्यालय को लेकर गुजरात और महाराष्ट्र में लंबे समय खींचतान 

बता दें कि केंद्र सरकार ने 27 अप्रैल को जारी अपनी अधिसूचना में साफ कर दिया है कि आईएफएससी अथॉरिटी का मुख्यालय गुजरात की राजधानी गांधीनगर में ही बनेगा। गांधीनगर में ही प्रधानमंत्री की ड्रीम परियोजना गुजरात इंटरनेशनल फाइनांस-टेक सिटी (गिफ्ट) भी आकार ले रही है। आईएफएससी के मुख्यालय को लेकर गुजरात और महाराष्ट्र में लंबे समय से खींचतान चल रही थी।

शिवसेना और कांग्रेस ने भी फैसले पर आपत्ति कर नाराजगी जताई

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार में मंत्री बालासाहब थोरात ने भी पवार के सुर में सुर मिलाते हुए कहा हैं कि केंद्र का यह निर्णय आर्थिक केंद्र के रूप में मुंबई की गरिमा को ठेस पहुंचानेवाला है। केंद्र को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए। शिवसेना ने भी केंद्र के निर्णय पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत के अनुसार महाराष्ट्र दिवस (एक मई) के दिन अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र अथॉरिटी को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स से हटाकर गांधीनगर ले जाना महाराष्ट्र का अपमान है।

महाराष्‍ट्र भाजपा ने दिया जवाब 

भाजपा की तरफ से जवाब देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि एक उच्चस्तरीय समिति ने आइएफएससी की जरूरत बताते हुए 2007 में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी थी। उसके बाद सात साल तक केंद्र और महाराष्ट्र दोनों जगह कांग्रेसनीत सरकार होते हुए भी न तो राज्य सरकार ने मुंबई में आइएफएससी की स्थापना का प्रस्ताव भेजा, न केंद्र ने उस पर विचार किया।

जबकि 2007 के वाइब्रेंट गुजरात समिट में ही गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिफ्ट सिटी अहमदाबाद को आइएफएससी रूप में विकसित करने की घोषणा कर दी थी। वहां 2012 में इसकी योजना तैयार होकर इस पर काम भी शुरू हो गया था। 2015 में भारत सरकार ने आइएफएससी के संचालन के लिए कानून बनाया। उसके बाद ही गिफ्ट सिटी अहमदाबाद एवं बीकेसी मुंबई, दोनों के प्रस्ताव केंद्र को भेजे गए थे।


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