Rahul Gandhi: राहुल गांधी की सजा पर राजनीति आगे, कानूनी लड़ाई पीछे; देशभर में सत्याग्रह का ऐलान
चार दिन पहले सूरत कोर्ट की ओर से मानहानि के एक मामले में राहुल गांधी को सजा सुनाई गई थी इस मामले में रविवार को आंदोलन हुआ और पूरे देश में सत्याग्रह की रूपरेखा तैयार कर ली गई। सदस्यता बचाने के लिए दोषसिद्धि पर रोक लगवाना जरूरी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चार दिन पहले सूरत कोर्ट की ओर से मानहानि के एक मामले में राहुल गांधी को सजा सुनाई गई थी और कांग्रेस की ओर से खुलकर इस पर आपत्ति जताई गई थी। कांग्रेस की ओर से उपरी कोर्ट खटखटाने की बात भी कही गई थी लेकिन रविवार देर रात तक यह स्पष्ट नहीं था कि आखिर सजा और दोषसिद्धि के खिलाफ कब राहुल कोर्ट जाएंगे। लेकिन रविवार को आंदोलन जरूर हुआ और पूरे देश में सत्याग्रह की रूपरेखा तैयार कर ली गई।
राजघाट पर नेताओं न किया सत्याग्रह
मालूम हो कि लोकसभा चुनाव में महज एक साल का समय है तो कांग्रेस भी एक ऐसे मुद्दे को भुनाने में जुट गई है, जिसपर एकजुट विपक्ष का साथ मिला। इसे सहानुभूति का मुद्दा बनाने की कोशिश जरूर होगी। इस बीच राहुल गांधी ने भी अपने ट्वीटर एकाउंट में अपने परिचय के आगे अपात्र सांसद ( डिसक्वालीफाइड एमपी) लिखा। राजघाट पर पार्टी नेताओं ने सत्याग्रह भी किया और सरकार पर आरोप भी जड़े।
सदस्यता बचाने के लिए दोषसिद्धि पर रोक लगवाना जरूरी
सदस्यता बचाने के लिए दोषसिद्धि पर रोक लगवाना जरूरी है और पहले ही कुछ संविधान विशेषज्ञों ने भी राय दी थी कि पार्टी के वकीलों को तेज गति से बढ़ना चाहिए। जो भी हो इसमें दोमत नहीं कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद यह दूसरा मौका, जिससे राहुल गांधी पार्टी के अंदर और मजबूत होते दिख रहे हैं। ऐसे में राजनीतिक चातुर्य भी इसी में है कि इसे और खींचा जाए।
राजनीतिक लड़ाई में दिख रहा कांग्रेस को फायदा
गौरतलब है कि बजट सत्र का दूसरा चरण अभी जारी है। ऐसे में कांग्रेस सदस्य संसद में भी वह इस मुद्दे को पूरी ताकत से उठाएगी। इस दौरान कांग्रेस सांसदों की ओर से सरकारी बैठकों के बहिष्कार या इस्तीफा देने जैसे मुद्दों पर भी बात आगे बढ़ सकती है। अगर कांग्रेस इसमें विपक्षी दलों के सदस्यों को भी जोड़ ले तो और ताकत मिलेगी। वैसे भी सजा से पहले ही कोर्ट ने एक महीने की राहत दे दी है। यानी वह जेल नहीं जा रहे हैं तो फिर फिलहाल कानूनी नहीं राजनीतिक लड़ाई में ही कांग्रेस को फायदा दिख रहा है।