Govt on Agnipath Scheme: देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय मंत्रियों ने की 'अग्निपथ' की पैरवी, जानें किसने क्या कहा
अग्निपथ योजना (Agnipath scheme) को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच भाजपा ने शुक्रवार को सशस्त्र बलों के लिए नई भर्ती पहल का कड़ाई से बचाव किया। भाजपा नेताओं ने इसे सुनहरा अवसर करार दिया। जानें किस BJP नेता ने क्या कहा...
नई दिल्ली, पीटीआइ। देशभर में बढ़ते विरोध और हिंसक प्रदर्शनों के बीच केंद्रीय मंत्रियों ने शुक्रवार को तीनों सेनाओं में जवानों की भर्ती की नई योजना 'अग्निपथ' की पैरोकारी की। सेना में भर्ती होकर देश सेवा करने की चाह रखने वाले युवाओं के लिए इस योजना को बेहतर मौका बताते हुए केंद्रीय मंत्रियों ने इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने की अपील भी की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने इस योजना को युवाओं के लिए एक सैनिक के तौर पर देश सेवा करने का सबसे बेहतरीन मौका बताया। जानें किसने क्या कहा...
जल्द शुरू होगी भर्ती
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 'अग्निपथ' योजना के तहत जल्द ही सेनाओं में भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। सेना में भर्ती होने के इच्छुक युवाओं के लिए इस योजना को सुनहरा मौका बताते हुए सिंह ने युवाओं से इसके लिए तैयारी में जुटने की अपील की।
बड़ी संख्या में युवाओं को होगा लाभ
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते पिछले दो साल के दौरान सेनाओं में भर्ती की प्रक्रिया प्रभावित हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के युवाओं के लिए चिंता जताते हुए एक संवेदनशील फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि भर्ती की ऊपरी आयु सीमा बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले से बड़ी संख्या में युवाओं को लाभ होगा।
'अग्निपथ' को लेकर विवाद पैदा कर रहा विपक्ष : वीके सिंह
पूर्व सेना प्रमुख व केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने विपक्ष पर लोगों को भड़का कर अग्निपथ योजना पर विवाद पैदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कुछ करने को बचा नहीं, इसलिए वे इस योजना के लागू होने से पहले ही विवाद पैदा कर रहे हैं। नागपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि योजना को लेकर विवाद नहीं, बल्कि विपक्ष द्वारा इस पर विवाद पैदा किया जा रहा है।
युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रयास कर रहें पीएम : नड्डा
एक दिन पहले ही अग्निपथ योजना को बेहतर बता चुके भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रयास कर रहे हैं। युवाओं की बेहतरी के लिए ही इस साल के लिए इस योजना के तहत भर्ती की ऊपरी आयु सीमा 21 से बढ़ाकर 23 वर्ष की गई है, ताकि जिन युवाओं की उम्र 21 साल को पार कर गई है, उन्हें भी मौका मिल सके।
लाभान्वित होंगे युवा
इसी तरह की भावना व्यक्त करते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा कि ऊपरी आयु सीमा बढ़ाने से ज्याद युवा लाभान्वित होंगे। गडकरी ने ट्वीट किया, 'युवा शक्ति को सशक्त बनाना मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, खासकर कोरोना महामारी के बाद।'
युवाओं के लिए बेहतर मौका
उन्होंने कहा कि यह स्वागत योग्य योजना है और युवाओं को भ्रामक सूचनाओं का शिकार नहीं होना चाहिए। जयशंकर ने भी इस योजना को सेना में भर्ती होने और देश की सेवा करने की चाहत रखने वाले युवाओं के लिए बेहतर मौका बताया।
भर्ती की तैयारी करें युवा
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सरकार को संवेदनशील बताते हुए कहा कि कुछ ही दिनों में भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। राजद के उग्र प्रदर्शन में बिहारी मर रहे हैं, सार्वजनिक संपत्ति को जलाया जा रहा है। राजद को इसका जवाब देना होगा। सरकार हिंसा और आगजनी में शामिल उन लोगों की पहचान करे जो छात्र नहीं हैं।
देश के लिए एक अमूल्य निधि साबित होगा 'अग्निवीर'
वहीं केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अग्निपथ योजना के तहत अधिकतम आयु सीमा बढ़ाने के सरकार के फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह फैसला युवाओं को अग्निपथ योजना के माध्यम से राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रेरित करेगा। 'भारत माता' की सेवा के लिए समर्पित हमारा 'अग्निवीर' देश के लिए एक अमूल्य निधि साबित होगा।
युवाओं की आशंकाओं को किया दूर
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उनको अपने निर्वाचन क्षेत्र हमीरपुर में युवाओं के एक समूह के साथ बातचीत करते और योजना के बारे में उनकी शंकाओं को दूर करते हुए देखा गया। ठाकुर ने इस योजना के पीछे भारत सरकार के विजन से युवाओं को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना युवाओं को सेना के माध्यम से देश की सेवा करने का एक अभिनव प्रयास है।
लोकतंत्र में विरोध का अधिकार, पर हिंसा ठीक नहीं : उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन हिंसा की कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने से देश का हित ही प्रभावित होगा। जेएनयू के छात्रों से बातचीत करते हुए उपराष्ट्रपति ने लोगों से देश की एकता, संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करने का आह्वान किया और कहा कि नफरत और असहिष्णुता भारती संस्कृति का हिस्सा नहीं है।
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