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Devendra fandavis take oath: मिलिंद देवड़ा बोले- अपने दोस्तों को पास रखो, लेकिन दुश्मनों को करीब

Maharashtra Politics देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है। वहीं अजीत पवार उपमुख्यमंत्री बन गए हैं। इसी के साथ बधाइयों का तांता लगना शुरू हो गया है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 08:43 AM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 12:02 PM (IST)
Devendra fandavis take oath:  मिलिंद देवड़ा बोले- अपने दोस्तों को पास रखो, लेकिन दुश्मनों को करीब
Devendra fandavis take oath: मिलिंद देवड़ा बोले- अपने दोस्तों को पास रखो, लेकिन दुश्मनों को करीब

नई दिल्ली, एएनआइ/पीटीआइ। महाराष्ट्र का राजनीतिक खेल रातोंरात बदल गया। राज्य में भाजपा और एनसीपी ने सबको झटका देते हुए सरकार बना ली हैं। भारत की राजनीति में ये अबतक का सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिला है।  देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। वहीं अजित पवार डिप्टी सीएम बन गए हैं। राज्यपाल भगत सिंह ने कोश्यारी ने शनिवार दोनों को शपथ दिलाई। फिलहाल, एनसीपी और भाजपा ने राज्य में सरकार बना ली है। इसी के साथ पक्ष से लेकर विपक्ष तक की प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं।

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कांग्रेस के मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट करते हुए कहा, 'अपने दोस्तों को पास रखो, लेकिन अपने दुश्मनों को करीब'।पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने ट्वीट करते हुए कहा, 'अवैध और दुष्ट युद्धाभ्यास आधी रात की गोपनीयता में होते हैं। यह शर्म की बात थी कि उन्हें छिप कर शपथ लेनी पड़ी। यह अनुचित रूप से बनी सरकार सत्यानाश कर देगी।

शिवसेना का हाल बिहार की आरजेडी जैसा

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना की संस्कृति बिहार में आरजेडी के समान है। जैसे आरजेडी में बदमाश और गुंडे हैं, शिवसेना में भी वैसा ही है। कोई भी सरकार शिवसेना जैसी पार्टी के साथ लंबे समय तक नहीं चल सकती, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के लोग यह जानते थे। 

  

संविधान का मजाक बना रहें है:  दिग्विजय

कांग्रेस नेता दिग्विजय ने कहा कि यह संविधान का मजाक बना रहे है, भाजपा ने गोवा, मेघालय और अन्य राज्यों में भी ऐसा ही किया। एनसीपी का कोई भी विधायक इसका समर्थन नहीं करेगा, अजीत पवार अकेले उनके साथ गए हैं।

वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत से जब महाराष्ट्र में सरकार बनाने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये किस दिशा में लोकतंत्र को ले जा रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस की तरफ से भी प्रतिक्रिया आ गई है। कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना की वार्ता में बहुत देर हुई इस वजह से तेज-तर्रार नेताओं ने मौका को लपक लिया।

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी फडणवीस और अजीत पवार को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि देंवेंद्र फडणवीस पर मुझे विश्वास है कि वह अपने संकल्प और लगन के साथ लोगों को सेवाएं देंगे। अजीत पवार को भी उपमुख्यमंत्री बनने पर शुभकामनाएं। 

राजनाथ सिंह ने भी दी बधाई

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शुभकामनाएं दी उन्होंने कहा कि श्री देवेंद्र फडणवीस और श्री अजीत पवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए बधाई। मुझे पूरा विश्वास है कि वे संयुक्त रूप से राज्य की प्रगति और समृद्धि के लिए काम करेंगे।

पीएम बोले दोनों लगन से करेंगे काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवेंद्र फणडवीस और अजित पवार को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फणडवीस जी को मुख्यमंत्री और अजित पवार जी को डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने पर बधाई। मुझे विश्वास है कि वे महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए लगन से काम करेंगे।

  

अमित शाह ने दी शुभकामनाएं

भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह ने भी दोनों को शुभकामनाएं देते हुए लिखा श्री देवेंद्र फण्डवीस जी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और श्री अजीत पवार जी को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर हार्दिक बधाई। मुझे विश्वास है कि यह सरकार महाराष्ट्र के विकास और कल्याण के प्रति निरंतर कटिबद्ध रहेगी और प्रदेश में प्रगति के नये मापदंड स्थापित करेगी। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने भी बधाई दी थी।  

  

शपथ के बाद फण्डवीस बोले राज्य को चाहिए स्थिर सरकार

शपथ लेने के बाद राज्य के दोबारा मुख्यमंत्री बने देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैं एनसीपी के अजीत पवार जी के प्रति आभार व्यक्त करना चाहता हूं, उन्होंने महाराष्ट्र में एक स्थिर सरकार देने और भाजपा के साथ आने के लिए यह निर्णय लिया। कुछ अन्य नेता भी हमारे साथ आए और हमने सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र के स्थिर सरकार की जरुरत है ना कि खिचड़ी सरकार की। 

कुछ ऐसी रहा चुनाव से राष्ट्रपति शासन तक का सफर

बता दें कि महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए 21 अक्टूबर को चुनाव हुआ था। नतीजे 24 अक्टूबर को घोषित किए गए थे। वहीं राज्य में किसी पार्टी या गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश ना करने के कारण 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। शिवसेना और भाजपा ने साथ मिलकर ये चुनाव लड़ा था लेकिन, शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की मांग को लेकर भाजपा के साथ 30 साल पुराना गठबंधन खत्म करने के बाद से ये राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था। 


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