'एरो इंडिया-2019' के आयोजन को लेकर राजनीतिक विवाद के बादल छटे
इससे विमानन क्षेत्र में हो रही प्रगति और नए विचारों को साझा करने में मदद मिलेगी और मेक इंडिया को भी बढ़ावा मिल सकेगा।j
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एशिया की सबसे बड़ी विमानन प्रदर्शनी में शुमार एरो इंडिया के आयोजन स्थल को लेकर बनी असमंजस की स्थिति अब खत्म हो गई है। सरकार ने साफ किया है एरो इंडिया 2019 का आयोजन बेंगलुरु में ही 20-24 फरवरी के बीच किया जाएगा। पिछले कुछ दिनों से एरो इंडिया के आयोजन स्थल को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई थी।
एरो इंडिया 2019 का आयोजन लखनऊ नहीं बेंगलुरु में होगा
बीच में खबर आई थी कि रक्षा मंत्रालय 'एरो इंडिया' का आयोजन स्थल बेंगलुरू से लखनऊ स्थानांतरित करने की योजना बना रहा है। यहां तक कि लखनऊ में एयर शो के आयोजन को लेकर तैयारियां भी शुरू हो गई थी और इसके लिए बख्शी का तालाब एयरफोर्स स्टेशन को तैयार किया जा रहा था। लेकिन शो को लेकर बढ़ते विवाद को देख केंद्र सरकार ने बेंगलुरु से स्थानांतरित करना मुनासिब नहीं समझा।
दरअसल पिछले दिनों उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से इस शो का आयोजन लखनऊ में कराने का अनुरोध किया था। इसके बाद से ही इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया था। जहां एक तरफ विपक्ष ने केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर घेरना शुरू किया तो वहीं भाजपा में भी इस मुद्दे पर दो फाड़ की स्थिति दिखी।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने दो टूक कहा था कि वह किसी भी स्थिति में एरो शो को बेंगलुरु के बाहर नहीं होने देंगे। वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने पत्र लिखकर पीएम मोदी से एरो शो बेंगलुरु में ही कराए जाने की मांग की थी।
गौरतलब है कि एयरो इंडिया, एक व्यावसायिक एयर शो है जिसका आयोजन डिफेंस एग्जीबिशन ऑर्गनाइजेशन की ओर से किया जाता है। इसमें रक्षा मंत्रालय, भारतीय वायुसेना, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस व नागरिक उड्डयन मंत्रालय का सहयोग होता है।
एयर शो में फाइटर जेट हैरतअंगेज करतब दिखाते हैं वहीं, उड्यन क्षेत्र की नई तकनीक, सूचना व विचारों का आदान-प्रदान होता है।
बता दें कि पिछले एयर शो में कुल 549 कंपनियां शामिल हुई थीं। जबकि 2,75,000 लोग सम्मिलित हुए थे। इस प्रदर्शनी में विमानन क्षेत्र के बड़े निवेशक और वैश्विक नेता शामिल होंगे साथ ही इस बार दुनिया के कई थिंक टैंक भी शिरकत करेंगे। सरकार का मानना है कि इससे विमानन क्षेत्र में हो रही प्रगति और नए विचारों को साझा करने में मदद मिलेगी और मेक इंडिया को भी बढ़ावा मिल सकेगा।