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श्रमिक स्पेशल ट्रेनों पर शिवसेना और केंद्र में सियासी तकरार, रेल मंत्री ने मांगा राज्‍यों से सहयोग

श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने के मसले पर शिवसेना और केंद्र सरकार के बीच सियासी तकरार बढ़ गई है। पढ़ें किसने किस पर किया सियासी हमला फ‍िर क्‍या मिला जवाब...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 07:52 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 02:02 AM (IST)
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों पर शिवसेना और केंद्र में सियासी तकरार, रेल मंत्री ने मांगा राज्‍यों से सहयोग
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों पर शिवसेना और केंद्र में सियासी तकरार, रेल मंत्री ने मांगा राज्‍यों से सहयोग

नई दिल्ली, आइएएनएस। देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए अब तक 3,000 से ज्यादा श्रमिक ट्रेनों का संचालन हुआ है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए मजदूरों की मदद के लिए विभिन्न राज्यों से और सहयोग करने की गुजारिश की। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का लेखाजोखा बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने एक बार फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा।

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कहां हैं 125 ट्रेनों की सूची 

गोयल ने कहा, 'महाराष्ट्र से 125 ट्रेनों की सूची कहां है? रात के दो बजे तक महाराष्ट्र सरकार की तरफ से 46 ट्रेनों की ही सूची मिली। इनमें से पांच ट्रेनें तूफान प्रभावित बंगाल और ओडिशा के लिए थीं, जिन्हें संचालित नहीं किया जा सकता है। 125 ट्रेनों के लिए तैयार होने के बावजूद हम सोमवार को महाराष्ट्र से केवल 41 ट्रेनें नोटिफाई कर पाए।'  

पर्याप्त श्रमिक ट्रेनें उपलब्ध नहीं कराईं

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और रेल मंत्री पीयूष गोयल के बीच तकरार की शुरुआत रविवार को उस समय हुई थी, जब ठाकरे ने वेबकास्ट के जरिये राज्य की जनता से बात करते हुए कहा था कि रेलवे ने महाराष्ट्र को उसकी मांग के अनुरूप पर्याप्त श्रमिक ट्रेनें उपलब्ध नहीं कराई हैं। उन्होंने रेलवे को 200 ट्रेनों के लिए श्रमिकों की सूची सौंपने का भी दावा किया था। 

हम 125 ट्रेनें चलाने को तैयार

इस पर पलटवार करते हुए रेल मंत्री ने ट्वीट कर कहा था कि राज्य सरकार श्रमिकों का ब्योरा उपलब्ध कराए तो रेलवे महाराष्ट्र से 125 ट्रेनें चलाने को तैयार है। इस बीच, उत्तर रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशन ऑफिसर शिवाजी सुतार ने बताया कि महाराष्ट्र से अब तक कुल 557 श्रमिक ट्रेनों का संचालन हुआ है। इनसे 7.70 लाख मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया है।

ओडिशा पहुंच गई थी ट्रेन 

दरअसल, यूपी के लिए रवाना हुई वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन जो 21 मई को पालघर से रवाना हुई थी लेकिन ओडिशा तक पहुंच गई थी। यह ट्रेन ढाई दिन बाद गोरखपुर पहुंची थी जिसे करीब 25 घंटे में ही गंतव्य तक पहुंच जाना चाहिए था। बाद में रेल मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि मार्ग पर अधिक रेलगाड़ियां चलने की वजह से इस ट्रेन मार्ग बदला गया था। 

प्रवासियों को करा रहे टूर 

वहीं वसई रोड-गोरखपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन का मार्ग बदलकर उसे ओडिशा के रास्ते भेजे जाने को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल पर तंज कसते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि गुजारिश बस इतनी है कि प्रवासी श्रमिकों को ले जाने वाली ट्रेनें घोषणा के मुताबिक अपने गंतव्य तक पहुंचे। वहीं शिवसेना की सहयोगी कांग्रेस ने कहा कि सरकार खाना और पानी उपलब्ध कराए बिना ही प्रवासी कामगारों को देश का टूर करा रही हैं। 

राकांपा बोली, गोयल पर ट्रेनें चलाने का दबाव 

महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने भी राज्य से एक घंटे में प्रवासी कामगारों की सूची मांगने पर गोयल पर निशाना साधते हुए कहा था कि आप लोगों को बुलाते हैं कि यह जापान जा रही है लेकिन उसे चीन ले जाते हैं। वह भी बिना खाना और पानी दिए। हालांकि, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि भारतीय रेलवे और पीयूष गोयल पर ट्रेनें चलाने का भारी दबाव है। 


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